Chikheang Publish time 2025-11-18 04:06:58

उपभोक्ता परिषद ने की निजीकरण के प्रस्ताव को खारिज करने की मांग, बोले- घोषित करें बिजली की दर

/file/upload/2025/11/4164096407923803129.webp



राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में लोक महत्व का प्रस्ताव दाखिल कर वर्ष 2025-26 की बिजली दरों की घोषणा शीघ्र करने की मांग की है। परिषद ने बिजली के निजीकरण के प्रस्ताव को भी खारिज करने की मांग की है। तर्क दिया है कि नई बिजली दरों की घोषणा के साथ सारे वित्तीय आंकड़े बदल जाएंगे। ऐसे में पुराने आंकड़ों पर निजीकरण की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जा सकती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने सोमवार को आयोग में दाखिल अपने प्रस्ताव के माध्यम से कहा है कि बिहार चुनाव संपन्न होने के साथ ही पावर कारपोरेशन प्रबंधन निजीकरण का टेंडर निकालने की तैयारी में जुटा है। पांच माह से लंबित निजीकरण के प्रस्ताव पर नियामक आयोग द्वारा पूछे गए सवालों पर सरकार ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है।

ऐसे में निजीकरण का प्रस्ताव खारिज करने का आधार बनता है। अब तो बिजली की नई दरें घोषित होते ही सारे आंकड़े भी बदल जाएंगे। उन्होंने कहा है कि सभी विद्युत वितरण निगम अपनी वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) पहले ही आयोग को प्रस्तुत कर चुके हैं। जनसुनवाई और राज्य सलाहकार समिति की बैठक सहित सभी नियामकीय प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं।

120 दिनों की अनिवार्य अवधि भी समाप्त

विद्युत अधिनियम-2003 में निर्धारित 120 दिनों की अनिवार्य अवधि भी समाप्त हो चुकी है। इसके बाद भी वर्ष 2025–26 की बिजली दरें अब तक घोषित नहीं की गई हैं। वर्ष 2025-26 के लिए बिजली दरें शीघ्र घोषित की जाएं। निजीकरण के मसौदे में पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के तहत आने वाले 42 जिलों के लिए मात्र 6500 करोड़ रुपये रिजर्व प्राइस रखा गया था। यह धनराशि बहुत कम है। इन बिजली कंपनियों की परिसंपत्तियां निजी घरानों को औने-पौने दाम में सौंपने का प्रयास हो रहा है। पुराने आंकड़ों के आधार पर निजीकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ाना तर्कहीन, अवैधानिक और उपभोक्ता-विरोधी है।

निजीकरण का टेंडर निकलते ही जेल भरो आंदोलन

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने घाटे के गलत आंकड़ों के आधार पर पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों का निजीकरण करने का आरोप लगाते हुए मुख्य सचिव से निजीकरण के रिक्वेस्ट फार प्रपोजल (आरएफपी) डाक्यूमेंट को मंजूरी नहीं देने की अपील की है। चेतावनी दी है कि निजीकरण का टेंडर प्रकाशित होने के साथ ही प्रदेश के बिजलीकर्मी सामूहिक जेल भरो आंदोलन शुरू कर देंगे।

समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों ने कहा है कि प्रबंधन पूर्वांचल और दक्षिणांचल निगमों के निजीकरण का टेंडर निकालने की जल्दी में है। पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डा. आशीष गोयल ने मुंबई में हुई डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी मीट के दौरान पत्रकारों से कहा था कि पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण का आरएफपी डाक्यूमेंट तैयार है। जल्द ही निजीकरण के लिए टेंडर निकाला जाएगा।
Pages: [1]
View full version: उपभोक्ता परिषद ने की निजीकरण के प्रस्ताव को खारिज करने की मांग, बोले- घोषित करें बिजली की दर