हिमाचल में 3 साल से लंबित प्रमोशन पर बिफरे स्कूल प्रवक्ता, ...यह सीधे कर्मचारी हितों का हनन; 900 प्रधानाचार्य के पद रिक्त
/file/upload/2025/11/7245343036256325994.webpपदोन्नति न होने पर स्कूल प्रवक्ता संघ बिफर गया है। प्रतीकात्मक फोटो
राज्य ब्यूरो, शिमला। हिमाचल प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था पर मंडरा रहे संकट को लेकर स्कूल प्रवक्ता संघ ने सरकार और विभाग को कड़ी चेतावनी दी है। प्रदेश में करीब 900 प्रधानाचार्य (प्रिंसिपल) के पद पिछले लंबे समय से रिक्त पड़े हैं। जिसके चलते न केवल प्रशासनिक कामकाज ठप हो रहा है, बल्कि शैक्षणिक गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है।
तीन वर्षों से प्रमोशन प्रक्रिया लंबित होने पर प्रवक्ताओं का सब्र अब जवाब देने लगा है। संघ के अध्यक्ष अजय नेगी ने कहा कि सैकड़ों प्रवक्ता 26-27 वर्ष की सेवा के बाद भी बिना किसी पदोन्नति के सेवानिवृत्ति की कगार पर पहुंच गए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
विभागीय देरी से शिक्षकों का मनोबल टूट रहा
उन्होंने इसे गंभीर प्रशासनिक लापरवाही करार देते हुए कहा कि विभागीय देरी से शिक्षकों का मनोबल टूट रहा है और विद्यालयों में नेतृत्वहीनता का दौर चल रहा है। उन्होंने बताया कि प्रधानाचार्य का पद विद्यालय की प्रशासनिक धार, निरीक्षण व्यवस्था, शिक्षक अनुशासन, शैक्षणिक तैयारी और निर्णय-प्रक्रिया का केंद्र होता है। इतनी बड़ी संख्या में पद खाली होना शिक्षा ढांचे के लिए बेहद हानिकारक सिद्ध हो रहा है।
प्रशासनिक क्षमता कमजोर हो रही
महिला विंग की मुख्य सलाहकार मुदिता भारद्वाज और टीम ने कहा कि प्रधानाचार्य न होने से विद्यालयों की प्रशासनिक क्षमता कमजोर हो रही है और इसका सीधा असर छात्रों की पढ़ाई और अनुशासन पर पड़ रहा है।
जिला अध्यक्षों ने भी उठाई मांग
सभी जिला अध्यक्षों ने भी एक सुर में मांग उठाई कि अब विभाग को तुरंत पदोन्नति सूची जारी कर पात्र प्रवक्ताओं को उनका हक देना चाहिए। उन्होंने कहा कि नेतृत्वहीन विद्यालयों से शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता उम्मीद करना व्यर्थ है।
जानबूझकर देरी करने का आरोप लगाया
राज्य कार्यकारिणी अध्यक्ष अजय नेगी, महासचिव इंदर सिंह ठाकुर, राज्य चेयरमैन सुरेंद्र पुंडीर, कार्यकारी अध्यक्ष दीप सिंह खन्ना, मुख्य संरक्षक लोकेंद्र नेगी, मुख्य मीडिया सचिव राजन शर्मा और मुख्य मार्गदर्शक राजेश सैनी ने संयुक्त बयान में विभाग पर कागजी औपचारिकताओं के नाम पर जानबूझकर देरी करने का आरोप लगाया। कार्यकारिणी ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द कदम नहीं उठाए गए, तो यह असंतोष बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है।
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प्रमोशन रोककर रखना सीधे कर्मचारी हितों का हनन
संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों राकेश भारद्वाज, ओम प्रकाश, संजय शर्मा, शौकत अली, विकास रत्न, राजेंद्र मैठा, सूरज वाली, अजय ठाकुर, जगमोहन, राजेश शर्मा, चंद्र देव ठाकुर, रंगीला ठाकुर, जय राम शर्मा, सुरजीत सिसोदिया, भूपेश नेगी और विजय आर्य ने कहा कि प्रमोशन रोककर रखना सीधे कर्मचारी-हितों का हनन है।
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