deltin33 Publish time 2025-11-17 19:43:09

अपने-अपने गांव में दोनों प्रत्याशी रहे ‘बॉस’; नगर क्षेत्रों में भाजपा का दबदबा, लालू डेरा व मुस्लिम बहुल गांवों में राहुल को बंपर समर्थन

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भोजपुर जिले के आरा स्टेशन



संवाद सूत्र, बिहिया, आरा(भोजपुर)। गत विधानसभा चुनाव में शाहपुर सीट पर वोटिंग पैटर्न ने एक दिलचस्प तस्वीर पेश की, जहां जीते और हारे दोनों प्रमुख प्रत्याशियों ने अपने-अपने गांवों में जबरदस्त पकड़ दिखाई। भाजपा प्रत्याशी राकेश रंजन ओझा और राजद प्रत्याशी राहुल तिवारी के बीच मुकाबला पूरे क्षेत्र में उतार-चढ़ाव भरा रहा, लेकिन गांव और नगर के अलग-अलग मूड ने चुनाव को और भी रोचक बना दिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

सबसे पहले बात दोनों प्रत्याशियों के गांवों की करें तो दोनों ने अपने क्षेत्र में ‘बॉस’ जैसा प्रदर्शन किया। भाजपा प्रत्याशी राकेश रंजन ओझा को उनके गांव ओझवलिया स्थित मतदान केंद्र संख्या 80 और 81 पर 909 वोट मिले, जबकि राहुल तिवारी को यहां मात्र 34 वोट ही प्राप्त हुए।

दूसरी ओर, राजद प्रत्याशी राहुल तिवारी ने अपने गांव रमडिहरा में जोरदार प्रदर्शन करते हुए बूथ संख्या 149 और 150 पर कुल 592 वोट हासिल किए, जबकि राकेश ओझा को यहां केवल 179 वोट मिले।पूरे विधानसभा क्षेत्र में नगर क्षेत्रों का वोटिंग रुझान भाजपा के पक्ष में दिखा।

बिहिया नगर पंचायत ने सबसे अधिक समर्थन देते हुए भाजपा को शीर्ष स्थान पर रखा। यहां 335 से 358 तक कुल 24 बूथों पर 11850 वोट पोल हुए, जिनमें से राकेश रंजन ओझा को 8103 वोट, जबकि राहुल तिवारी को 3017 वोट मिले।

दूसरे स्थान पर रहा शाहपुर नगर, जहां 179 से 193 तक के बूथों पर कुल 7899 वोट पड़े। इनमें से 4686 वोट राकेश के खाते में गए, जबकि राहुल तिवारी को 2549 वोट मिले। वहीं दूसरी तरफ, लालू डेरा और मुस्लिम बहुल गांवों में रुझान पूरी तरह राजद प्रत्याशी राहुल तिवारी के पक्ष में रहा।

लालू डेरा के 1 से 12 तक के बूथों पर राहुल तिवारी को 4187 वोट मिले, जबकि राकेश रंजन ओझा को केवल 633 वोट से संतोष करना पड़ा।

मुस्लिम बहुल गांव रानीसागर के 8 बूथों पर राहुल तिवारी को 2932 वोट, जबकि राकेश को 840 वोट मिले। इसी तरह बगही गांव में राहुल तिवारी को 1898 वोट, जबकि राकेश रंजन ओझा को केवल 384 वोट ही मिले।

यह वोटिंग पैटर्न साफ दर्शाता है कि शाहपुर विधानसभा में जातीय-सामाजिक समीकरण, गांव बनाम नगर का रुझान और परंपरागत वोट बैंक ने चुनाव की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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