RBI Repo Rate: अगले महीने आपके होम लोन का बोझ क्या होगा कम? कितनी घट सकती है रेपो रेट; देखें डिटेल
/file/upload/2025/11/6063382598988246542.webpनई दिल्ली। दिसंबर 2025 यानी अगले महीने मौद्रिक समिति की बैठक (RBI MPC Meeting) आयोजित होगी। इस बैठक के दौरान आरबीआई रेपो रेट (RBI Repo Rate) को लेकर भी निर्णय लेती है। हर दो महीने में आरबीआई (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) द्वारा रेपो रेट की समीक्षा करती है। जिसके बाद ये तय किया जाता है कि बदलाव करना है या नहीं। रेपो रेट में होने वाले बदलाव का प्रभाव हमारे लोन के ब्याज दर पर पड़ता है।विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
रेपो रेट में बदलाव कर आरबीआई अर्थव्यवस्था में नियंत्रण बनाने और संतुलित करने का काम करता है। आरबीआई ने इससे पहले अक्टूबर 2025 को रेपो रेट रिव्यू किया था। जिसके बाद ये फैसला लिया गया किअक्टूबर में रेपो रेट 5.5 फीसदी पर बरकरार रखी जाएगी।
क्या घटेगा Repo Rate?
आरबीआई ने जून से हुई अब तक की किसी भी बैठक में रेपो रेट में बदलाव नहीं किया है। हालांकि मीडिया रिपोर्ट की मानें तो आरबीआई अगले महीने होने वाली बैठक में रेपो रेट में कटौती कर सकता है। रेपो रेट में कितनी कटौती होगी, इसे लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं आई है।
फरवरी से लेकर अब तक का रेपो रेट
तारीख
रेपो रेट
बदलाव
7 फरवरी
6.25%
-0.25%
9 अप्रैल
6.00%
-0.25%
6 जून
5.50%
-0.50%
अगस्त
5.50%
कोई बदलाव नहीं
1 अक्टूबर
5.50%
कोई बदलाव नहीं
(सोर्स- बैंक बाजार)
क्या होता है Repo Rate?
देश की केंद्रीय बैंक, एक साल में हर दो महीने बाद मौद्रिक समिति की बैठक आयोजित करती है। इस बैठक के दौरान रेपो रेट और अन्य वित्तीय संबंधित निर्णय लिए जाते हैं। रेपो रेट वो दर है, जिसके आधार पर वाणिज्यिक बैंक आरबीआई से लोन लेते हैं। हालांकि रेपो रेट के आधार पर बैंक आरबीआई से शॉर्ट टर्म लोन ही ले पाते हैं।
अब ये समझते हैं कि ये आप कैसे असर करेगा?
Repo Rate Cut क्या करेगा असर?
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अगर रेपो रेट में कटौती होती है, तो बैंकों को लोन कम ब्याज पर मिलेगा। फिर आपको भी कम ब्याज पर लोन उपलब्ध कराया जाएगा।
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ऐसी ही अगर रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है, तो बैंक को लोन लेना महंगा पड़ेगा। इससे आपका भी लोन ब्याज दर बढ़ जाएगा। ब्याज दर बढ़ने से आपकी ईएमआई भी महंगी हो जाएगी।
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हालांकि ये बैंकों पर भी निर्भर करता है कि रेपो रेट में कटौती के बाद वे फिक्स्ड ब्याज दर कम करना चाहते हैं या नहीं।
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