Bihar News: गंडक नदी के संवेदनशील तटबंधों की सुरक्षा के लिए विशेष पहल
/file/upload/2025/11/2835324613743396195.webpBihar News: ठोकर की मरम्मत व सुदृढ़ीकरण को लेकर अधिकारियों ने बात की। जागरण
संवाद सूत्र, ठकराहा (पश्चिम चंपारण)। West Champaran News: गंडक नदी के संवेदनशील तटबंधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय जल आयोग के गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग और केंद्रीय जल और विद्युत अनुसंधानशाला पुणे की एक उच्च-स्तरीय संयुक्त टीम ने शनिवार की देर शाम क्षेत्र का सघन निरीक्षण किया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह दौरा बिहार और उत्तर प्रदेश (यूपी) के सीमावर्ती क्षेत्रों में नदी के किनारों को सुरक्षित करने के लिए भेजे गए महत्वपूर्ण प्रस्तावों के मूल्यांकन के लिए आयोजित किया गया था। दल में शेर सिंह जीएफसीसी प्रतिनिधि और अनुसंधानशाला पुणे के एक वरीय वैज्ञानिक शामिल थे।
बिहार की तरफ से अभियंता प्रमुख, श्री वरुण सिंह तथा उत्तर प्रदेश की ओर से मुख्य अभियंता विकास सिंह ने निरीक्षण दल का नेतृत्व किया। इनके साथ ही गोरखपुर के चीफ इंजीनियर एक और दो भी मौजूद थे, जो स्थानीय चुनौतियों से टीम को अवगत करा रहे थे।
संवेदनशील क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य उन परियोजनाओं को अंतिम मंजूरी देना था जिनके प्रस्ताव सर्किल इंजीनियरों ने नदी कटाव से बचाव के लिए भेजे थे। टीम ने उन स्थानों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया, जहां नदी की ठोकरों और तटबंधों को तुरंत मजबूती देने की आवश्यकता है।
मुख्य बिंदु और प्रस्तावित कार्य
बगहा अनुमंडल के मधुबनी क्षेत्र में: गदियानी टोला और रंगललही में कटाव को रोकने वाली ठोकरों की मरम्मत और उनका सुदृढ़ीकरण किया जाना है। ठकराहा क्षेत्र में: हरखटोला, बररिया, और चंदरपुर में मौजूदा ठोकरों को दुरुस्त किया जाएगा, ये सभी स्थल मानसून के दौरान अत्यधिक दबाव में रहते हैं।
उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में: धूमनगर लक्ष्मीपुर और चैनपट्टी में महत्वपूर्ण बांधों को बाढ़ के प्रकोप से बचाने के लिए सुरक्षित और मजबूत किया जाएगा। अभियंता प्रमुख वरुण सिंह ने निरीक्षण के बाबत कहा कि देर शाम होना यह दर्शाता है कि अधिकारी बाढ़ सुरक्षा कार्यों को लेकर कितने गंभीर हैं।
उन्होंने कहा कि जीएफसीसी और केंद्रीय जल और विद्युत अनुसंधानशाला की सहमति से इन महत्वपूर्ण कार्यों को मानसून से पहले शुरू करने की राह साफ हो जाएगी, जिससे दोनों राज्यों के लाखों निवासियों को संभावित बाढ़ के खतरे से बड़ी राहत मिलेगी। यह निरीक्षण गंडक बेसिन की दीर्घकालिक बाढ़ सुरक्षा योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
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