Chikheang Publish time 2025-11-17 11:36:38

Sonipat Air Pollution: गोहाना में प्रदूषण का कहर, पराली जलाने से हवा हुई जहरीली; किसानों पर होगी ये कार्रवाई

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दिवाली के बाद गोहाना में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है, पराली जलाने से स्थिति और खराब हो गई है।



जागरण संवाददाता, गोहाना। दिवाली के बाद से ही इलाके में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। अब धान की कटाई के बाद पराली जलाने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे प्रदूषण और बढ़ गया है। दिन में 200 के आसपास रहने के बाद रविवार सुबह इलाके में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 272 पर पहुंच गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इसे देखते हुए नगर परिषद ने सड़कों पर पानी का छिड़काव तेज कर दिया है। अब सुबह-शाम शहर की सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाएगा। इसके लिए तीन ट्रैक्टर और पानी के टैंकर लगाए गए हैं। प्रदूषण कम होने तक धूल को नियंत्रित करने के लिए सुबह-शाम सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाएगा।

दिवाली पर इलाके में जमकर आतिशबाजी की गई, जिससे वायु प्रदूषण में भारी वृद्धि हुई। कुछ दिनों बाद प्रदूषण कम होने लगा, लेकिन धान की कटाई तेज होने के साथ ही कई किसानों ने पराली जलाना भी शुरू कर दिया। पिछले एक सप्ताह में इलाके में पराली जलाने की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है।

प्रशासन और कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की टीमें गांव-गांव जाकर निरीक्षण कर रही हैं। किसान देर शाम या रात को जब भी मौका मिलता है, फसल अवशेषों पर माचिस जलाते हैं। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की टीमों ने क्षेत्र के आठ किसानों के खिलाफ पराली जलाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है। करीब 25 किसानों पर जुर्माना भी लगाया गया है। इसके बावजूद किसान बाज नहीं आ रहे हैं। फसल अवशेष जलाने से वायु प्रदूषण फिर तेजी से बढ़ गया है।

सुबह और शाम के समय वायु प्रदूषण सूचकांक बढ़ता है, लेकिन दिन में थोड़ा कम हो जाता है। क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर कई दिनों से खतरनाक श्रेणी में बना हुआ है, जिससे स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है। इन दिनों गोहाना की नई अनाज मंडी में एक हजार से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉलियां धान लेकर आ रही हैं। वाहनों की आवाजाही बढ़ने से शहर की सड़कों पर धूल न उड़े, इसके लिए नगर परिषद ने सुबह और शाम पानी का छिड़काव शुरू कर दिया है।
सुबह और शाम घर से निकलने से बचें: डॉ. छिक्कारा

सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. संजय छिक्कारा ने कहा कि इन दिनों प्रदूषण अधिक है। सुबह और शाम के समय प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है, ऐसे में लोगों को घरों से निकलने से बचना चाहिए। प्रदूषण के उच्च स्तर से साँस लेने में कठिनाई, आँखों में जलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और बाहर निकलते समय हमेशा मास्क पहनना चाहिए। जब वायु गुणवत्ता खराब हो, तो घर के अंदर रहना ही सबसे सुरक्षित है।


धान के मौसम के कारण, शहर में वाहनों की आवाजाही बढ़ गई है। धूल को उड़ने से रोकने के लिए, सुबह और शाम सड़कों पर पानी का छिड़काव शुरू कर दिया गया है। अधिकारियों को कचरा जलाते हुए पाए जाने पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

रजनी विरमानी, अध्यक्ष, नगर परिषद, गोहाना
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