प्लॉट दिखाने नैनीताल ले गया था, लौटते वक्त ट्रेन से दिया धक्का; एक दिन तक रेलवे ट्रैक पर तड़पती रही फरजाना
/file/upload/2025/11/8204292275641565786.webpट्रेन से धक्का मार तीन लाख और जेवरात लूट ले गया आरोपित दोस्त। प्रतीकात्मक
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर। नैनीताल से घूमकर वापस मुरादाबाद जा रही फरजाना को चलती ट्रेन से धक्का देने वाला उसे प्लाट दिलाने के नाम पर लाया था। घटना को अंजाम देने वाला आरोपित दोस्त उससे तीन लाख रुपये और लाखों के सोने के जेवरात भी लूट ले गया। इस घटना के बाद वह एक दिन तक रेलवे ट्रैक पर घायल अवस्था में तड़पती रही। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
साथ ही मदद के लिए लोगों को आवाज लगाते रही लेकिन किसी ने भी उसकी कराह नहीं सुनी। एक दिन बाद जब रेलवे ट्रैक के किनारे काम कर रहे लोगों ने उसकी कराह सुनी तो मौके पर पहुंचे और उसे एंबुलेंस 108 से जिला अस्पताल पहुंचाया। साथ ही बंगलौर रह रहे उसके पुत्रों को घटना की जानकारी दी। जिसके बाद उसके पुत्र वहां से रवाना हो गए है।
शनिवार सुबह हल्दी-छतरपुर रेलवे ट्रैक के बीच एक महिला घायल अवस्था मेें पड़ी हुई थी। यह देख वहां से गुजरने वाले राहगीरों का मौके पर जमावड़ा लग गया। इस पर किसी ने सूचना एंबुलेंस 108 को दी। मौके पर पहुंचे एंबुलेंस कर्मी लोगों की मदद से घायल महिला को जिला अस्पताल लाए और भर्ती कराया। पूछताछ में तब अर्द्ध-बेहोशी की हालत में महिला ने अपना नाम फरजाना बताया। बताया कि उसके पति मोहम्मद अली की छह माह पहले मौत हो गई थी। वह कुछ दिन पहले अपने मित्र नन्हे के साथ नैनीताल घूमने आई थी। जहां से वह शनिवार सुबह वापस अपने घर जा रहे थे।
इसके लिए हल्द्वानी से ट्रेन में बैठे। रास्ते में नन्हे ने उसे चलती ट्रेन से धक्का दे दिया। इधर, रविवार सुबह जब फरजाना को होश आया तो उसने बताया कि वह दलपतपुर मुड़ापांडे मुरादाबाद की रहने वाली है। उसके चार पुत्र और एक पुत्री है। पुत्र बंगलौर में काम करते है। घर में छोटा बेटा और बेटी है। पास के ही गांव में रहने वाला रिश्तेदार (दोस्त) नन्हे उसे प्लाट दिलाने के नाम पर 11 नवंबर को नैनीताल लाया था। इसके लिए वह घर से तीन लाख रुपये और जेवरात भी लाई थी। नैनीताल में दो दिन रूकने के बाद वह 14 नवंबर को काठगोदाम से ट्रेन में मुरादाबाद के लिए बैठे।
इसी बीच रास्ते में चलती ट्रेन से नन्हे ने उसे धक्का मार दिया। आरोप लगाया कि वह उसकी रुपये और जेवरात भी लूट ले गया है। पीड़िता ने बताया कि एक दिन तक वह रेलवे ट्रैक पर घायल तड़पती रही। लोगों को मदद के लिए आवाज लगाती रही लेकिन किसी तक उसकी आवाज नहीं पहुंची। 15 नवंबर सुबह ट्रैक पर काम कर रहे लोगों ने उसे देखा और अस्पताल पहुंचाया। बताया कि उसके पुत्रों को घटना की जानकारी दे दी गई है, वह बंगलौर से पहुंचने वाले है।
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