cy520520 Publish time 2025-11-16 13:06:42

बिसाहड़ा कांड : मुकदमा वापस लेने की तैयारी, 12 दिसंबर को हो सकती है मामले की सुनवाई

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जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश सरकार ने अखलाक हत्याकांड की भीड़ द्वारा हत्या के सभी आरोपितों के खिलाफ आरोप वापस लेने का कदम उठाया है। सरकार की ओर से अपर सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय प्रथम के यहां शासकीय अधिवक्ता के द्वारा 15 अक्टूबर को प्रार्थना पत्र दिया गया है। प्रार्थना पत्र में सामाजिक सद्भाव की बहाली को देखते हुए मुकदमा वापस लेने का आदेश पारित करने की अनुमति मांगी गई है। मामले में 12 दिसंबर को सुनवाई हो सकती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

ज्ञात हो कि गौतमबुद्ध नगर के दादरी क्षेत्र के बिसहाड़ा गांव के रहने वाले 52 वर्षीय अखलाक की 28 सितंबर 2015 को भीड़ ने कथित तौर पर घर में गोमांस रखने के संदेह में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। मामला कई महीनों तक सुर्खियों में रहा था। अखलाक हत्याकांड में अखलाक की पत्नी इकरामन ने 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।

विवेचना में चश्मीद गवाह इकरामन, मां असगरी, बेटी शाहिस्ता और बेटे दानिश के बयान दर्ज हुए थे। बयानों में गवाहों ने 16 नाम और जोड़े गए थे। अखलाक हत्याकांड में पुलिस ने 18 लोगों को गिरफ्तार कर 22 दिसंबर 2015 को आरोप पत्र दाखिल किया । जिसमें तीन नाबालिग भी शामिल थे। मामले में एक आरोपित रवि की अक्टूबर 2016 में हिरासत में लंबे समय से बीमार रहने के चलते मौत हो गई थी।

अपर सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय प्रथम के यहां दायर आवेदन के अनुसार दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 321 के तहत मुकदमा वापस लेने का अनुरोध किया गया है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता भाग सिंह भाटी के मुताबिक 26 अगस्त को राज्य सरकार द्वारा जारी एक पत्र के निर्देश के बाद 15 अक्टूबर को मुकदमा वापस लेने का अनुरोध किया है।

आवेदन में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के राज्यपाल ने अभियोजन वापस लेने की लिखित मंजूरी दे दी है। मामले की सुनवाई 12 दिसंबर को हो सकती है। वहीं अखलाक परिवार के अधिवक्ता यूसुफ सैफी का कहना है कि उन्होंने उन्होंने अभी तक कोई आधिकारिक दस्तावेज नहीं देखे हैं। सोमवार को विस्तृत जानकारी हासिल कर कुछ कहा जा सकता है।
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