कोडिनयुक्त कफ सीरप की तस्करी में वाराणसी के 26 कारोबारी थे शामिल, गाजियाबाद पुलिस ने किए चौंकाने वाले खुलासे
/file/upload/2025/11/7797126689149377828.webpजागरण संवाददाता, वाराणसी। गाजियाबाद पुलिस की जांच में कोडिनयुक्त कफ सीरप की तस्करी के आरोपित वाराणसी के कायस्थ टोला, प्रह्लाद घाट निवासी शुभम जायसवाल का पिता भोलानाथ प्रसाद भी घटनाक्रम में शामिल है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की जांच में पता चला कि पिता-पुत्र ने झारखंड के रांची स्थित अपनी फर्म मेसर्स शैली ट्रेडर्स से वाराणसी के 26 कारोबारियों को भारी मात्रा में कोडिनयुक्त सीरप की आपूर्ति की, जिसका उपयोग चिकित्सकीय प्रयोग के बजाए नशे के लिए किया गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
28 करोबारियों के खिलाफ केस दर्ज कराया
इस निष्कर्ष तक पहुंचने के बाद औषधि निरीक्षक जुनाब अली ने दवा के 28 करोबारियों के खिलाफ केस दर्ज कराया। एफआइआर में सप्तसागर मंडी समेत वाराणसी के विभिन्न हिस्से के दवा कारोबारियों के नाम होने से हड़कंप की स्थिति रही। औषधि निरीक्षक जुनाब अली ने तहरीर में बताया कि उपायुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन 11 नवंबर को रांची की शैली ट्रेडर्स द्वारा वाराणसी एवं उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में भारी मात्रा कोडिनयुक्त कफ सीरप बिक्री किए जाने का ब्योरा देते हुए सत्यापन के निर्देश दिए।
12 नवंबर को सहायक आयुक्त के नेतृत्व में कई औषधि निरीक्षकों ने दवा की 16 फर्मों के निरीक्षण व सत्यापन किया तो मेसर्स जीटी इंटरप्राइजेज, मेसर्स शिवम फार्मा एवं मेसर्स हर्ष फार्मा बंद मिले, जिनके मालिकों से संपर्क की कोशिश नाकाम हुई। 13 व 14 नवंबर को शैली ट्रेडर्स से कोडिनयुक्त कफ सीरप खरीदने वाली 10 फर्मों के निरीक्षण एवं सत्यापन किए गए, जिसमें मेसर्स डीएसए फार्मा, महाकाल मेडिकल स्टोर, निशांत फार्मा, वीपीएम मेडिकल एजेंसी एवं बालाजी मेडिकल बंद मिले।
पोर्टल पर उपलब्ध नंबरों पर संपर्क करने पर किसी फर्म के अधिष्ठाता से संपर्क नहीं हो पाया। इस अनियमितता से औषधि विभाग के अधिकारी इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि कोडिनयुक्त कफ सीरप का दुरुपयोग नशे के रूप में किया गया।
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