SIR Abhiyan: कानपुर में 25 लाख मतदाताओं के घर पहुंचे गणना पत्र, जानें अब क्या करना है?
/file/upload/2025/11/5564653846575681779.webpजागरण संवाददाता, कानपुर। मतदाता सूची के शुद्धिकरण और पुनरीक्षण के लिए चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) अभियान में 12 दिनों में 25 लाख से अधिक मतदाताओं के घरों में गणना पत्र पहुंचाए जा चुके हैं। रविवार से बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) इन गणना पत्रों की वापस लेना शुरू करेंगे, जिसके बाद अंतिम मतदाता सूची बनाने का कार्य शुरू होगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अभियान के तहत जिले में एक करोड़ 40 लाख गणना और घोषणा पत्र वितरित किए जाने हैं। जिले की 10 विधानसभा क्षेत्रों में तैनात 3620 बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं को गणना पत्र उपलब्ध करा रहे हैं। प्रशासन का 35 लाख 38 हजार 261 मतदाताओं के घरों में गणना पत्र पहुंचाने का लक्ष्य है, ताकि हर पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची में सही रूप से दर्ज हो सके। हालांकि, अभियान के दौरान कई तरह की चुनौतियां सामने आ रही हैं।
वर्ष 2003 की मतदाता सूची में नाम न होने के कारण कई मतदाताओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, गणना पत्रों को आनलाइन अपलोड करने में भी बीएलओ को तकनीकी दिक्कतें हो रही हैं। इन समस्याओं पर प्रशासन ने गंभीरता दिखाते हुए त्वरित समाधान की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
चार दिसंबर तक चलेगा अभियान
एसआइआर अभियान चार दिसंबर तक जारी रहेगा। इसके बाद मतदाता सूची संशोधन की औपचारिक प्रक्रिया शुरू होगी। जिन मतदाताओं के नाम में त्रुटि, दोहराव, पते में बदलाव या अन्य किसी प्रकार की गलती पाई जाएगी, उन्हें सुधार के लिए आवेदन देना होगा। यह प्रक्रिया अगले चरण में पूरी की जाएगी। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है अभियान को निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण तरीके से पूरा कराना सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए निगरानी बढ़ाने और प्रत्येक बीएलओ की प्रगति रिपोर्ट प्रतिदिन ली जा रही है। जिला निर्वाचन कार्यालय ने अपील की है कि सभी मतदाता सहयोग करें और समय पर गणना पत्र जमा कर मतदान प्रक्रिया को और अधिक दुरुस्त बनाने में योगदान दें।
अभियान के पहले चरण में मिले फीडबैक और शिकायतों के आधार पर तकनीकी और प्राशासनिक समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। सभी बीएलओ को निर्देशित किया गया है कि किसी भी मतदाता की शिकायत को प्राथमिकता के साथ निपटाकर फार्म की वापसी प्रक्रिया शुरू की जाए।
-डा. विवेक चतुर्वेदी, एडीएम वित्त एवं राजस्व
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