ओडिशा में पुलिस कांस्टेबल का मर्डर, कूड़े के ढेर में दबा मिला शव
/file/upload/2025/11/3186427497234879371.webpघटनास्थल पर जांच करती पुलिस। (जागरण)
जागरण संवाददाता, अनुगुल। ओडिशा के बौध जिले में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आई है, जहां एक पुलिस कांस्टेबल की बेरहमी से हत्या कर उसके शव को घर के पीछे कूड़े के ढेर में दबा दिया गया।
घटना पुरुनाकटक थाना क्षेत्र के बालीसाही गांव की है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की तफ्तीश में जुटी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतक कांस्टेबल की पहचान फूलबानी जिले के बालुगुडा थाने में तैनात उदय रंजन पटनायक के रूप में हुई है, जो बालीसाही गांव का निवासी था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आरोप है कि गांव के ही एक व्यक्ति संजय नायक ने पहले से चली आ रही रंजिश के चलते इस वारदात को अंजाम दिया। आरोपी ने कांस्टेबल को घर के पास बुलाया, विवाद के दौरान पत्थर से हमला कर उसकी हत्या कर दी, और सबूत मिटाने के लिए शव को घर के पीछे बनी झाड़ियों के बीच गड्ढा खोद कर कूड़े के ढेर में दबा दिया।
घटना का खुलासा तब हुआ जब गांववालों को कांस्टेबल के अचानक लापता होने पर शक हुआ। उन्होंने उसके परिवार से संपर्क किया, लेकिन कोई विश्वसनीय जानकारी न मिलने पर पुलिस को सूचना दी।
सूचना मिलते ही पुरुनाकटक पुलिस की एक टीम के साथ डॉग स्क्वायड, वैज्ञानिक टीम तुरंत मौके पर पहुंची तथा टीम ने विस्तृत जांच की, शव को जहां छिपाया गया था, वहां का निरीक्षण किया और फोरेंसिक नमूने एकत्र किए। शव की स्थिति देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि हत्या को पूरी तैयारी से अंजाम दिया गया।
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर संजय को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है। बौध के एसडीपीओ लॉरेंस राउत्रे ने कहा कि हत्या के पीछे का मकसद पूरी जांच के बाद पता चलेगा। पूछताछ में पता चला कि मृतक के साथ उसका पुराना वाद-विवाद चल रहा था।
पुलिस ने घटनास्थल से फोरेंसिक सबूत भी इकट्ठे किए हैं और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। ग्रामीणों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और पुलिस प्रशासन से सख्त से सख्त सजा की मांग की है। वहीं, मृतक कांस्टेबल के परिवार के सदस्यों ने कहा कि अपराधी को जल्द से जल्द न्यायालय से कड़ी सजा दी जानी चाहिए ताकि ऐसा कोई दुस्साहस दोबारा न हो।
यह घटना न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि पुलिसकर्मियों की सुरक्षा और समाज में बढ़ती हिंसक प्रवृत्ति पर भी चिंता बढ़ाती है।
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