LHC0088 Publish time 2025-11-16 03:07:51

मतदाता सूची में नाम जोड़ने-हटाने के लिए आधार का इस्तेमाल नहीं, चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में बताया

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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि आधार का इस्तेमाल केवल मतदाता सूची में नाम शामिल कराने के इच्छुक आवेदकों की पहचान सत्यापित करने के लिए किया जा रहा है। नागरिकता के प्रमाण के तौर पर या फिर मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने के लिए इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में चुनाव आयोग ने कहा कि उसने अधिकारियों को निर्देश जारी किया है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 23(4) के अनुसार मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने के लिए आधार कार्ड का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।

चुनाव आयोग ने एसआइआर मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है। केवल आधार कार्ड का होना या नहीं होना किसी व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में जोड़ने या हटाने का कारण नहीं हो सकता।

पीटीआई के अनुसार, चुनाव आयोग ने कहा कि उसने बिहार की संशोधित मतदाता सूची में नाम शामिल करने या बाहर करने के लिए आधार कार्ड का इस्तेमाल नहीं करने का निर्देश पहले ही जारी कर दिया है।

नागरिकता के बजाय आधार को पहचान के प्रमाण के रूप में इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) ने अगस्त 2023 में स्पष्ट किया था कि आधार नागरिकता, निवास या जन्मतिथि का प्रमाण नहीं है।

(समाचार एजेंसी आइएएनएस के इनपुट के साथ)
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