दिल्ली में फायर NOC का नवीनीकरण अब पूरी तरह ऑनलाइन, CM रेखा गुप्ता ने पोर्टल लॉन्च कर कहा-ईज ऑफ डूइंग को बढ़ावा
/file/upload/2025/11/7503384052588170782.webpफायर सेफ्टी सर्टिफिकेट के ऑनलाइन रिन्यूअल के लिए आज एक नए डिजिटल पोर्टल का शुभारंभ किया गया है। सोशल मीडिया
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र का नवीनीकरण अब बेहद आसान हो गया है, अब यह प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गई है। इस कार्य के लिए अब लाेगों को अग्निशमन विभाग के बार-बार चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इसके लिए शनिवार काे दिल्ली सचिवालय में पोर्टल की शुरुआत की गई है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसकी शुरुआत की। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा
इसका शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि यह कदम दिल्ली सरकार की डिजिटल और पारदर्शी प्रशासन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो राजधानी में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को प्रभावी रूप से आगे बढ़ाएगा। दिल्ली में व्यापार करना आसान होगा। इस कार्यक्रम में दिल्ली के गृह मंत्री आशीष सूद और दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
फाइल प्रक्रिया अब पूर्णतः डिजिटल
यह पोर्टल राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) और दिल्ली सरकार के संयुक्त प्रयासों से विकसित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन व्यवस्था में अधिकतम पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए फाइल प्रक्रिया को पूर्णतः डिजिटल कर दिया गया है। अब कोई भी नागरिक ऑनलाइन देख सकता है कि उसकी फाइल किस अधिकारी के पास है, कितने समय से लंबित है, और किस चरण में है।
अनावश्यक विवादों में आएगी कमी
इस पोर्टल के माध्यम से अब नागरिक आसानी और पारदर्शी तरीके से बिना किसी परेशानी के अपने रिहायशी और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए जारी फायर क्लियरेंस प्रमाणपत्र का नवीनीकरण तीन और पांच वर्ष की मियाद पूरी होने पर ऑनलाइन कर सकेंगे। इससे न केवल सुविधा बढ़ेगी बल्कि विभागीय कार्यप्रणाली में पारदर्शिता भी आएगी और अनावश्यक विवादों, आरोप-प्रत्यारोपों में कमी आएगी।
देनी होंगी चार प्रकार की जानकारियां
मंत्री सूद ने कहा कि यह प्रक्रिया बेहद सरल रखी गई है। केवल चार जानकारी इस कार्य के लिए आवश्यक हैं जैसे आपके मकान/प्रतिष्ठान का पता, पैन कार्ड, बिजली बिल का सीए नंबर, और पुराने फायर क्लियरेंस सर्टिफिकेट का नंबर। इसके बाद आगे की पूरी प्रक्रिया विभाग स्वयं करेगा।
साथ ही, तीन वर्ष (कॉमर्शियल) और पांच वर्ष (रेजिडेंशियल) की अवधि पूरी होने से पहले बिल्डिंग ओनर द्वारा हर वर्ष दी जाने वाली अनिवार्य सेल्फ-सर्टिफिकेशन रिपोर्ट भी अब इसी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन भरी जा सकेगी। जबकि पुरानी प्रणाली बहुत जटिल थी। प्रक्रिया पूरी तरह ऑफलाइन और मैनुअल थी। इस कारण आवेदकों को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ता था।
यह भी पढ़ें- दिल्ली धमाके के बाद बंद पड़े नेताजी सुभाष मार्ग और मेट्रो स्टेशन फिर खुले, धमाके के निशान देख रुके राहगीरों के कदम
Pages:
[1]