नेपाल के साथ ट्रेड को मजबूत करेगा नौतनवा कंटेनर रेल टर्मिनल, पहुंचने लगी हैं प्रति माह मालगाड़ी की 16 रेक, और बढ़ेगी यह संख्या
/file/upload/2025/11/2484743583176334676.webpकोलकाता व विशाखापट्टनम रूट से माह में करीब छह कंटेनर पहुंच रहे नेपाल
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। भारत और नेपाल के साथ कंटेनरयुक्त व थोक माल के लिए सीधा रेल संपर्क के लिए हुए समझौते से नौतनवा कंटेनर रेल टर्मिनल की उपयोगिता भी बढ़ गई है। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल स्थित नौतनवा का कंटेनर रेल टर्मिनल नेपाल के साथ ट्रेड (व्यापार) को और मजबूत करेगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
समझौते के बाद वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि उदारीकरण प्रमुख पारगमन गलियारा कोलकाता-नौतनवा और विशाखापत्तनम-नौतनवा तक विस्तारित है। इससे दोनों देशों के बीच बहु-माडल व्यापार संपर्क और तीसरे देशों के साथ नेपाल के व्यापार को मजबूती मिलेगी।
नौतनवा कंटेनर रेल टर्मिनल पर नौ दिसंबर 2022 को पहला कंटेनर का रेक पहुंचा था। इसके बाद धीरे-धीरे इसका विस्तार होता गया। आज प्रति माह कोलकाता व विशाखापट्टनम रूट से कंटेनर के छह और मालगाड़ियों के लगभग 16 रेक नौतनवा कंटेनर रेल टर्मिनल पहुंच रहे हैं। आने वाले दिनों में यह संख्या बढ़ेगी।
इसके लिए टर्मिनल के विस्तार के साथ व्यापार संबंधों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। बंदरगाहों से रेलमार्ग के माध्यम से कंटेनर और मालगाड़ियों की रेक सीधे नौतनवां पहुंच रही है। जिसमें नमक, आयरन ब्लेड, जिप्सम, खाद, दवा, खेल के सामान और आटोमोबाइल्स आदि नेपाल के शहरों तक पहुंच रहे हैं। समझौता के अनुसार अब भारत और नेपाल ही नहीं तीसरे देशों से भी नेपाल तक सीधे सामान पहुंच सकेंगे।
जानकारों का कहना है कि नौतनवा रेलवे स्टेशन पर 8500 वर्ग मीटर भूमि पर कंटेनर रेल टर्मिनल का निर्माण हुआ है। जब से नौतनवा कंटेनर रेल टर्मिनल का शुभारंभ हुआ है, भारत-नेपाल के व्यापार तेजी के साथ बढ़ा है। नेपाल के अंदर तक आसानी से सामान की ढुलाई हो रही। भारत और रेलवे की अर्थव्यवस्था भी मजबूत हो रही है।
वर्ष 2022-23 में नौतनवा रेलवे स्टेशन पर सामान लेकर 146 रेक पहुंची थी। वर्ष 2023-24 में 171 और वर्ष 2024-25 में रेकों की संख्या बढ़कर 199 हो गई है। आने वाले दिनों में इसकी संख्या और बढ़ती ही जाएगी। व्यापारिक गतिविधियों के बढ़ने से रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं।
भारत-नेपाल के संबंध भी प्रगाढ़ हो रहे हैं। दरअसल, 2022 तक भारत-नेपाल के बीच अधिकतम व्यापार सड़क मार्ग से होता रहा। सोनौली के रास्ते ट्रकों के जरिये आवश्यक सामान नेपाल तक पहुंचता था। समय अधिक लगने के साथ सामान की सुरक्षा को लेकर भी आशंका बनी रहती थी।
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सड़क मार्ग से सामान की ढुलाई में किराया भी कई गुणा अधिक लगता था। अब रेलवे गलियारा ने व्यापार को आसान बना दिया है। भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और नेपाल के उद्योग, वाणिज्य एवं आपूर्ति मंत्री अनिल कुमार सिन्हा के बीच द्विपक्षीय बैठक के दौरान कंटेनरयुक्त और थोक माल के लिए एक सीधा रेल संपर्क स्थापित करने के लिए एलओई का आदान-प्रदान हुआ है।
कैंपियरगंज में बनेगा कार्गो टर्मिनल, नेपाल तक पहुंचेगा खाद्यान्न
नेपाल सीमा के समीप रेलवे स्टेशनों को समृद्ध बनाने की दिशा में रेलवे प्रशासन ने एक और अहम कदम बढ़ाया है। कैंपियरगंज में गति शक्ति कार्गो टर्मिनल बनेगा। निर्माण की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। इस टर्मिनल पर देश भर से आने वाले खाद्यान्न उतरेंगे। कैंपियरगंज में उतरे खाद्यान्न सड़क मार्ग से सोनौली होते हुए नेपाल के विभिन्न शहरों तक पहुंचेंगे। पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल स्थित टिनिच और इज्जतनगर मंडल के अलावा गोरखपुर में एचयूआरएल, गैलेंट और अंकुर उद्योग में भी गति शक्ति कार्गो टर्मिनल बने हैं। बस्ती और पिपराइच में विश्वस्तरीय गुड्स शेड बन रहे हैं।
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