Bihar Election Result: नीतीश सरकार के वो कदम, जिन्होंने NDA को दिलाई प्रचंड जीत
/file/upload/2025/11/1234485423704960819.webpनीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी। फोटो पीटीआई
भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। मतदान केंद्रों पर जिस हिसाब से महिलाओं की लंबी-लंबी कतारें दिख रही थीं उस समय ही यह तय हो गया था कि यह कतार नीतीश कुमार के लिए ही है। यह बात उस समय और पुख्ता हो गई थी जब वोटिंग से लौट रही महिलाओं ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत दस हजार रुपये मिलने की बात जोरदार तरीके से की। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
साथ चल रही महिलाओं का हाथ पकड़कर कहा कि इसे नहीं मिला है, पर चुनाव के बाद मिल ही जाएगा। कई जगहों पर महिलाओं का यह स्लोगन भी सुना गया कि जिसका खाए हैं उसका तो गाएंगे ही न। चुनाव में एनडीए की झोली जिस तरह से बढ़ी उसमें मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की बड़ी भूमिका रही।
बूथों पर महिलाओं की लंबी कतार और दस हजार
एनडीए की जीत के जो पांच बड़े फैक्टर रहे उसमें मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना पहले नंबर पर रहा। महिलाओं के बीच नीतीश कुमार के प्रति सकारात्मक धारणा उनके लिए कैडर वोट की तरह दिखी। महिलाओं से जब बूथों पर बात हुई तो उन्होंने नीतीश कुमार द्वारा अपने बच्चों के हित में किए गए काम को भी खूब गिनाया।
तेजस्वी यादव ने भी चुनाव के दौरान यह कहना शुरू कर दिया था कि वह जीविका दीदी को तीस हजार रुपये देंगे। पर महिलाओं ने तय किया कि जहां से अभी मिल रहा उसी पर अपने को केंद्रित किया जाए। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत आने वाले समय में दो लाख रुपये मिलने की बात महिलाओं को खूब पसंद आई।
वृद्धजन पेंशन को 400 से बढ़ाकर 1100 रुपये करना
इस चुनाव का जो परिणाम आया उसमें दूसरी सबसे बड़ी भूमिका वृद्धजन पेंशन योजना की राशि 400 से बढ़ाकर 1100 रुपये कर देने की रही। चुनाव के पहले ही वृद्धजन योजना पेंशन पर वृद्ध पुरुष व महिलाएं यह कहती दिखीं कि अपना बेटा भी सौ रुपये देने में सोचता है।
वहीं नीतीश कुमार तो 1100 रुपये दे रहे। अगर पति-पत्नी हैं तो एक घर में 2200 रुपये आ जा रहे। जो दे रहा है उसका तो ध्यान रखेंगे ही। वृद्धों की बड़ी संख्या इस वजह से नीतीश कुमार के साथ दिखी और परिणाम भी दिखा।
125 यूनिट मुफ्त बिजली भी एनडीए को चमका गई
चुनाव घोषणा के ठीक पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह निर्णय लिया कि सभी तरह के घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाएगी। यह सुविधा भी तत्काल प्रभाव से चुनाव के पहले लागू हो गई। इसका सभी तरह के वोटर चाहे वह ग्रामीण हो या शहरी सभी पर असर दिखा। यह वोट में कन्वर्ट हुआ।
जंगल राज की बात और कट्टा वाली वीडियो
इस चुनाव में भी प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री सहित एनडीए के सभी स्टार प्रचारकों ने लालू-राबड़ी के शासनकाल दौरान बिहार में जो विधि-व्यवस्था थी उसकी खूब याद दिलाई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंच से उस कट्टा वाले आडियो-वीडियो की बात की जिसमें यह दिखाया गया था कि अगर तेजस्वी आते हैं तो किस तरह से गोली चलेगी। नई पीढ़ी के साथ-साथ पुरानी पीढ़ी के वोटरों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा।
नीतीश के सुशासन पर भरोसा
इस चुनाव में गेम चेंजर के रूप में एक बड़ा फैक्टर लोगों के बीच नीतीश कुमार के सुशासन पर भरोसा रहा। लोगों ने कहा कि सड़क बनी, बिजली मिली, नौकरी भी बहुत हद तक हासिल हुई। यह नीतीश कुमार के शासन की वजह से हुआ। नीतीश कुमार के शासन की वजह से ही यह संभव हो पाया।
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