Bihar Election Result: बिहार में VIP का सूनापन, महिलाओं को दिए गये 10,000 को सहनी ने ठहराया हार का बड़ा कारण
/uploads/allimg/2025/11/6009343898571088920.webpनिषाद समाज ने नहीं दिया साथ
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव परिणामों ने विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी के सामने कई कठिन सवाल खड़े कर दिए हैं। महागठबंधन के उपमुख्यमंत्री चेहरे के तौर पर उतरे सहनी को उम्मीद थी कि इस बार निषाद समाज की ताकत उनके साथ खड़ी होगी, लेकिन नतीजों ने यह भरोसा चकनाचूर कर दिया। उनकी पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई, जबकि एनडीए ने 202 सीटों के साथ सत्ता की राह आसान कर ली। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
चुनाव अभियान के दौरान चर्चा में आए उनके कई वीडियो सोशल मीडिया पर खूब घूमे, जिनमें बेगूसराय की एक रैली में राहुल गांधी के साथ तालाब में कूदने वाला क्लिप सबसे ज्यादा वायरल हुआ।
लेकिन चुनावी राजनीति में इंटरनेट की गूंज को वोटों में बदलना हमेशा आसान नहीं होता और यही मुकेश साहनी के साथ हुआ।
एक निजी चैनल से बातचीत में सहनी ने साफ कहा कि वे नतीजों का सम्मान करते हैं और एनडीए की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई देते हैं।
हालांकि, उन्होंने यह भी संकेत दिया कि परिणामों की समीक्षा जरूरी होगी। उनके अनुसार, महिलाओं को चुनाव अवधि के दौरान सीधे दी गई आर्थिक सहायता नतीजों की दिशा बदलने वाला बड़ा कारक बनी।
सहनी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री द्वारा हाल ही में घोषित की गई मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना (MMRY) ने चुनाव की हवा पूरी तरह एनडीए के पक्ष में मोड़ दी।
इस योजना के तहत महिलाओं को कुल 2.10 लाख रुपये तक की सहायता देने का वादा किया गया था, जिसमें से कई महिलाओं के खातों में 10,000 रुपये पहले ही डाल दिए गए।
साहनी के शब्दों में, “गरीबी, संकट और आर्थिक तंगी के बीच जब महिलाओं को सीधे बैंक खाते में 10,000 रुपये मिले, तो स्वाभाविक है कि उन्होंने उसी पक्ष में मतदान किया, जहां से मदद मिली।”
उन्होंने कहा कि महिलाओं ने बड़े पैमाने पर NDA को वोट दिया और इसका असर सीटों के आंकड़ों में स्पष्ट दिखाई देता है। बिहार में इस बार महिला मतदान प्रतिशत रिकॉर्ड स्तर पर रहा, जिसने गठबंधन की जीत को निर्णायक बढ़त दिलाई।
निषाद समुदाय पर चर्चा करते हुए साहनी ने माना कि जिस वोट बैंक पर वे भरोसा कर रहे थे, वह अंततः एनडीए की तरफ झुक गया।
एनडीए की ओर से उन समुदायों के लिए बनाई गई लक्षित योजनाओं ने बड़ा असर डाला। उनके अनुसार, “यह साफ दिख रहा है कि निषाद समाज ने इस बार एनडीए को प्राथमिकता दी।
हमें यह समझना होगा कि हमारी रणनीति कहाँ कमज़ोर रही।”
एनडीए के पक्ष में आए जनादेश को स्वीकार करते हुए साहनी ने कहा कि जनादेश सर्वोपरि है और अब उनका उद्देश्य अपनी कमियों की गहराई से जांच कर आगे की रणनीति तैयार करना होगा।
एक तरफ भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 89 सीटें जीतीं, जदयू ने 85, जबकि LJP(RV) को 19 और जीतन राम मांझी की पार्टी को 5 सीटें मिलीं। VIP का खाता न खुल पाना महागठबंधन के लिए भी एक बड़ा झटका रहा।
कुल मिलाकर, यह चुनाव साहनी के लिए एक कठिन सबक साबित हुआ, जहां वायरल वीडियो नहीं, बल्कि जमीनी आर्थिक सहायता और वास्तविक मुद्दों ने मतदाताओं का दिल जीता।
Pages:
[1]