भारत से विदेशों में जाएगी 1.5 मीट्रिक टन चीनी, सरकार ने दी निर्यात की अनुमति; भागेंगे इन कंपनियों के शेयर?
/file/upload/2025/11/6371398802491523365.webpभारत से विदेशों में जाएगी 1.5 मीट्रिक टन चीनी, सरकार ने दी निर्यात की अनुमति; भागेंगे इन कंपनियों के शेयर?
नई दिल्ली। भारत 2025-26 सीजन के लिए 15 लाख मीट्रिक टन चीनी निर्यात करेगा। यानी अब ये चीनी दूसरे देशों को बेची जाएगी। सरकार ने इसकी अनुमति दे दी है। सरकार ने शुक्रवार को एक अधिसूचना में कहा कि भारत ने नए सत्र में 15 लाख मीट्रिक टन चीनी निर्यात की अनुमति दे दी है, क्योंकि इथेनॉल उत्पादन के लिए चीनी के उपयोग में कमी के कारण घरेलू अधिशेष में वृद्धि होने की उम्मीद है। इस खबर के बाद अब चीनी बनाने वाली कंपनियों के शेयरों पर निवेशकों की नजर रहने वाली है।
दुनिया के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक देश से ज्यादा निर्यात होने से बेंचमार्क न्यूयॉर्क और लंदन वायदा कीमतों पर दबाव पड़ सकता है, जो 5 साल के निचले स्तर के आसपास मंडरा रहे हैं। इस वर्ष, सरकार अधिशेष का प्रबंधन करने और किसानों की सहायता के लिए अधिक निर्यात की अनुमति दे रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इन कंपनियों पर रहेगी नजर
निर्यात से देश में चीनी के स्टॉक को कम करने और स्थानीय कीमतों को समर्थन देने में मदद मिलेगी, जिससे बलरामपुर चीनी मिल्स (Balrampur Chini Mills Ltd), ईआईडी पैरी (EID Parry), डालमिया भारत (Dalmia Bharat Ltd) और श्री रेणुका शुगर्स जैसे उत्पादकों को लाभ होगा, जिनके शेयरों में 10 नवंबर को शुरुआतीकारोबार में 5% तक की वृद्धि हुई।
सरकार ने अधिसूचना में कहा है कि पिछले तीन सत्रों में उनके औसत चीनी उत्पादन के आधार पर, कार्यरत चीनी मिलों के बीच 15 लाख टन का निर्यात कोटा समानुपातिक आधार पर साझा किया गया है। सभी प्रकार की चीनी के निर्यात की अनुमति है।
2023-24 में चीनी निर्यात पर लगा था प्रतिबंध
2022/23 तक के 5 वर्षों में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी निर्यातक था, जिसका वार्षिक औसत निर्यात 68 लाख टन था। लेकिन सूखे के कारण सरकार ने 2023/24 में चीनी निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया और पिछले वर्ष केवल 10 लाख टन चीनी ही विदेशों में भेजने की अनुमति दी।
भारतीय चीनी एवं जैव-ऊर्जा निर्माता संघ (ISMA) के अनुसार, 2025/26 सीज़न के लिए भारत का शुद्ध चीनी उत्पादन 30.95 मिलियन टन अनुमानित है, जिसमें लगभग 3.4 मिलियन टन चीनी का उपयोग इथेनॉल उत्पादन के लिए किया जाएगा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 18.5% अधिक है।
भारतीय चीनी एवं जैव-ऊर्जा निर्माता संघ (ISMA)ने पिछले सप्ताह नई दिल्ली से नए सीजन में 2 मिलियन टन चीनी के निर्यात की अनुमति देने की मांग की थी।
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(डिस्क्लेमर: यहां शेयरों की जानकारी दी गयी है, निवेश की राय नहीं। जागरण बिजनेस निवेश की सलाह नहीं दे रहा है। स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)
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