cy520520 Publish time 2025-11-15 11:06:44

हर कोई रह गया सन्न, गांव की गलियों में पसरा मातम... इस दर्द ने निगल ली एक परिवार की पांच जिंदगी

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संजय रस्तोगी, श्रावस्ती। सुबह के आठ बज चुके थे। कैलाशपुर के लियाकतपुरवा की पगडंडियों पर रोज की तरह हलचल थी। लोग खेतों में काम कर रहे थे पर गांव के एक घर में एक हिस्से की बंद चौखट अचानक घर की वृद्ध महिला को खटकने लगी। बार-बार की दस्तक के बाद भी दरवाजा नहीं खुला, तो चिंता ने भय का रूप ले लिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

कमरे में झांका तो भीतर का दृश्य देख मां का कलेजा मुंह को आ गया। चीख सुन पड़ोसी दौड़े। दरवाजा धक्का देकर खोला गया तो सब की सांसें जैसे थम गईं।

रोजअली पांच नवंबर को मुंबई से पत्नी और बच्चों के साथ घर लौटा था। मां फातिमा रोजअली पर सयानी हो रही बहन रूबीना की शादी देखने का दबाव बना रही थी। दूल्हा देखने की जिम्मेदारी रोजअली पर थी।

बहन के निकाह से पहले वह टूटा घर ठीक करवा रहा था। अचानक किस दर्द ने पूरे परिवार के जीवन को निगल लिया, इस सवाल का जवाब नहीं मिल पा रहा है। पहले किसकी मौत हुई और कौन इसके लिए जिम्मेदार है, यह सवाल भी क्षेत्र के लोगों को परेशान कर रहा है।


प्राथमिक जांच में यह प्रतीत होता है कि रोजअली ने बच्चों व पत्नी को मौत की नींद सुलाने के बाद खुद आत्महत्या कर ली। रोजअली के शरीर के दाहिने हिस्से में दांत काटने जैसे निशान हैं। इससे प्रतीत होता है कि बंद कमरे में कोई घटना हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों की स्थिति स्पष्ट होगी।
- अखिलेश पांडेय, प्रभारी निरीक्षक, थाना इकौना।
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