Begusarai Election Result 2025: कम्युनिस्टों का गढ़ ढहा, NDA ने बेगूसराय में 5 सीटों पर लहराया परचम
/file/upload/2025/11/4155687964871689740.webpजागरण संवाददाता, बेगूसराय। जिले की सात विधानसभा सीटों के नतीजे जारी हो गए हैं। इस बार बेगूसराय में राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदला दिखा। एनडीए ने पांच सीटों पर कब्जा जमाकर नया रिकार्ड बनाया है, जबकि महागठबंधन दो सीटों पर सिमटकर रह गया है।विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पिछली बार 2020 में महागठबंधन को चार व राजग को तीन सीट मिली थी। तेघड़ा और बखरी जैसी सीटें, जो लंबे समय से कम्युनिस्ट दलों का गढ़ मानी जाती थीं, इस बार सत्ता परिवर्तन की गवाह बनीं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संयुक्त प्रभाव ने महागठबंधन के पारंपरिक वोट बैंक में सेंध लगा दी।
तेघड़ा सीट पर भाजपा ने 2010 के बाद एक बार फिर 2025 में कमाल किया है। भाजपा के पूर्व एमएलसी रजनीश कुमार ने विधायक रामरतन सिंह को हराते हुए दूसरी बार भगवा लहरा दिया। उधर, बखरी में भी कम्युनिस्टों का किला ढह गया।
लोजपा-आर के संजय कुमार ने भाकपा के मौजूदा विधायक सूर्यकांत पासवान को मात देकर इतिहास रच दिया। मटिहानी विधानसभा से राजद प्रत्याशी नरेंद्र कुमार उर्फ बोगो सिंह ने विधायक जदयू प्रत्याशी राजकुमार सिंह को हरा दिया है।
बोगो सिंह पांचवीं बार विधायक बने हैं। बछवाड़ा विधानसभा में महागठबंधन के दो उम्मीदवार कांग्रेस के शिव प्रकाश गरीब दास और भाकपा के अवधेश राय के बीच दोस्ताना मुकाबले का नुकसान विपक्ष को उठाना पड़ा। मुकाबले का सीधा लाभ भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र मेहता को मिला, जिन्होंने कांग्रेस के शिव प्रकाश गरीब दास को हराकर जीत दर्ज की।
बेगूसराय सीट पर भाजपा विधायक कुंदन कुमार ने लगातार दूसरी बार कांग्रेस उम्मीदवार अमिता भूषण को पछाड़ा। साहेबपुर कमाल विधानसभा में राजद ने कब्जा कायम रखा। यहां सतानंद संबुद्ध ने लोजपा-आर के सुरेंद्र विवेक को हराकर लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की। सतानंद संबुद्ध राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं, उनके पिता श्रीनारायण यादव (अब दिवंगत) इस सीट से आठ बार विधायक रह चुके हैं।
चेरिया बरियारपुर से मुकाबला रोमांचक रहा, अंतत: जदयू ने यह सीट राजद से छीन ली है। पिछली बार 2020 में यहां पर राजद का कब्जा था। यहां पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के पुत्र अभिषेक वर्मा पहली बार चुनाव मैदान में उतरे थे, जबकि राजद ने पूर्व मुख्यमंत्री सतीश कुमार के पुत्र सुशील कुमार पर दांव लगाया था।
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