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हिमाचल हाई कोर्ट ने सनवारा टोल को सशर्त शुरू करने की दी अनुमति, हाईवे की हालत पर दिए कड़े निर्देश

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हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने सनवारा टोल को सशर्त शुरू करने का आदेश दिया है।



विधि संवाददाता, शिमला। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने सनवारा टोल बैरियर को 12 नवंबर से सशर्त शुरू करने की अनुमति देने की बात कही है। कोर्ट की ओर से लगाई शर्त के अनुसार एनएचएआई व राज्य सरकार को सोलन से शिमला तक की सड़क के खराब हिस्सों को समयबद्ध दुरुस्त करना होगा।

कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह हाईवे से बालूगंज यू-टर्न पर सुधार का काम पूरा करे और शिमला नगर निगम को उचित कदम उठाने का निर्देश दे, क्योंकि यह हिस्सा राज्य के निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण आने-जाने का प्वाइंट है। यहां एक बस स्टॉप भी है।

सड़क की मेटलिंग न होने के कारण वहां बहुत ज़्यादा धूल और मलबा हर जगह उड़ता रहता है, जिससे बहुत ज़्यादा वायु प्रदूषण होता है।विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
काम पूरा करने को 10 दिन का समय दिया

मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश जिया लाल भारद्वाज की खंडपीठ ने राज्य सरकार और एनएचएआई दोनों को यह काम पूरा करने के लिए 10 दिन का समय दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अगर ज़रूरी काम हो जाता है तो एनएचएआई को 12 नवंबर, 2025 से टोल वसूलने की अनुमति दी जाएगी।
18 सितंबर को हुए टोल बंद करने के आदेश

18 सितंबर 2025 को हाईकोर्ट ने सनवारा टोल बैरियर को बंद करने के आदेश दिए थे और इस कारण 20 सितंबर से 31 अक्टूबर तक साढ़े 4 करोड़ रुपये राजस्व का नुकसान होने का अनुमान है। मामले पर सुनवाई 11 नवंबर को निर्धारित की गई है।
चंडीगढ़ की तरफ कंडाघाट तक हाईवे भी सुधारा जाए

कोर्ट ने कहा कि एफिडेविट में बताए अनुसार, चंडीगढ़ की तरफ से कंडाघाट तक पहुंचने वाला रास्ता लगभग एक किलोमीटर लंबा है और बहुत खराब हालत में है। कोर्ट ने आदेश दिए कि पिछले एक महीने में अन्य हिस्सों पर जिस तरह से काम किया गया है, उसी तरह से इसे ठीक करने के लिए सक्रिय कदम उठाए जाने चाहिएं।

कोर्ट ने कहा कि कंडाघाट मार्केट रोड को भी तुरंत ठीक करने की ज़रूरत है और यह एक आम रास्ता है, इसलिए अगली तारीख तक ज़रूरी कदम उठाए जाएं।
स्थानीय लोगों के हस्तक्षेप पर कोर्ट ने कहा सुरक्षा प्रदान की जाए

कोर्ट को बताया गया था कि कुछ जगहों पर विभिन्न गांवों के स्थानीय निवासियों के हस्तक्षेप के कारण बाधाओं और रुकावटों के कारण काम में दिक्कत आ रही है। इस पर कोर्ट ने कहा कि ये लोग सड़क की मेंटेनेंस को बाधित नहीं कर सकते हैं।

कोर्ट ने आदेश दिए कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए ज़रूरी कदम उठाए कि जब मेंटेनेंस का काम किया जा रहा हो तो मौके पर उचित सुरक्षा बल प्रदान किया जाए। इसे सुबह जल्दी या देर रात में करने की कोशिश की जाए।


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पहाड़ी किनारे की सभी गलियों और नालियों से मलबा हटाएं

कोर्ट को बताया गया कि कनलोग-शिमला पर रिपेयर का काम चल रहा है और मेहली-पंथघाटी तक का काम, जो एक अलग हिस्सा है, 15 दिनों के भीतर पूरा होने की संभावना है और यह काम सरकारी ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि एनएचएआई के लिए यह ज़रूरी है कि वह पहाड़ी किनारे की सभी गलियों और नालियों से सारा मलबा हटा दें, ताकि हाईवे को उसकी असली हालत में बनाए रखा जा सके, क्योंकि ढलान से आने वाला सारा पानी आखिरकार सड़क पर ही आता है।

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जिससे भारी ट्रैफिक के कारण सड़क और खराब हो जाती है। इसलिए एनएचएआई का यह कर्तव्य है कि वह नालियों का रखरखाव करे और यह सुनिश्चित करें कि वे साफ और खुली रहें।
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