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East Champaran: बापू की कर्मभूमि से सीता की जन्म भूमि तक रेल का सपना अधूरा, 204 करोड़ रुपए की योजना का आज भी इंतजार

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संजय परिहार, मोतिहारी। बापू की कर्मभूमि चंपारण को माता जानकी की जन्मभूमि से जोड़ने की महत्वाकांक्षी बापूधाम मोतिहारी- सीतामढ़ी रेल परियोजना एक बार फिर चर्चा में है। यह सपना वर्षो पहले इस क्षेत्र के लोगों ने देखा था।

तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने शिवहर में इस नई रेल परियोजना का शिलान्यास किया, लेकिन यह योजना आकार नहीं ले सकी। स्थिति यह है कि यह परियोजना सर्वे व मिट्टी जांच की इर्द-गिर्द ही घूम रही है।

चिरैया बाजार स्थित एक कपड़े की दुकान में कुछ ग्रामीण बैठकर बातें कर रहे हैं। मौसम चुनाव का है सो सबके काम की चर्चा हो रही है। इसी क्रम में मोतिहारी-सीतामढ़ी रेल परियोजना भी चर्चा में है।

चर्चा में शामिल चिरैया बाजार के कमल साह, राज पलट साह, कोलांसी के राम भरोस यादव, छोटा मिश्रौलिया के विजय प्रसाद, सगरदीना के भोला गुप्ता कहा कि रेल परियोजना का निर्माण अभी प्रारंभ ही नहीं हुआ है।

रेल परियोजना की जब घोषणा हुई थी तो क्षेत्र में खुशी माहौल हो गया था। लगा था कि कार्य प्रारंभ होगा और क्षेत्र के लोगों की राह आसान हो जाएगी। लोग रेल का सफर कर सकेंगे। लेकिन, योजना के अधर में लटक जाने से आने वाले समय में ऐसा नहीं लगता कि यह सपना सकार हो सकेगा। कहते हैं कि यह योजना सिर्फ कागज में ही दौड़ लाग रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
रेल परियोजना पर एक नजर

[*]इस परियोजना के पूरा हो जाने के पूरा हो जाने के बाद बापूधाम मोतिहारी से सीतामढ़ी के बीच 76.7 किलोमीटर लंबाई के बीच तीन जिलों के लोगों को मिलेगा लाभ।
[*]परियोजना की प्रारंभिक लागत 204 करोड की थी। अब हो गई अधिक।
[*]बापूधाम मोतिहारी-सीतामढ़ी के बीच 10 स्टेशन बनाने की है योजना।
[*]2 जक्शन, 5 क्रासिंग स्टेशन व तीन हाल्ट स्टेशनों का होना है निर्माण।
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