संभल: बंदरों की उछल-कूद से भरभराकर गिरी कच्ची छत, मलबे में दबकर युवती की मौत
/file/upload/2025/11/2590020538970126752.webpअसमोली के गांव नगला लीडर में बंदरों के उछलकूद से गिरी कच्ची छत।
दिलीप ठाकुर, जागरण संभल। असमोली थाना क्षेत्र के गांव नगला नीडर में बंदरों के झुंड के कूदने से एक घर की कच्ची छत भरभराकर गिर पड़ी। छत के मलबे में दबकर 27 वर्षीय युवती की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद स्वजन में खलबली मच गई। वहीं ग्रामीण बंदरों के बढ़ते आतंक से बेहद परेशान हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
असमोली थाना क्षेत्र के नगला नीडर गांव की घटना, स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल
असमोली थाना क्षेत्र के गांव नगला नीडर निवासी कुलदीप राठौर की 27 वर्षीय बेटी वसु मंगलवार की रात अपने घर में बने कच्चे कमरे में सो रही थी। बाकी स्वजन कमरे के बाहर बरामदे में सो रहे थे। इसी दौरान रात लगभग बारह बजे बंदरों का एक बड़ा झुंड घर की छत पर कूदने लगा। बंदरों की उछलकूद से पुरानी कच्ची छत अचानक भरभराकर गिर पड़ी और कमरे में सो रही वसु मलबे के नीचे दब गई। तेज भरभराने की आवाज सुनकर स्वजन व पड़ोसी नींद से जाग गए। छत गिरी देख घर में चीख पुकार मच गई।
मलबे से निकाली युवती, अस्पताल में डॉक्टरों ने किया मृत घाेषित
ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर छत के मलबे को हटाया और बड़ी मुश्किल से युवती को बाहर निकाला। साथ ही उसे तुरंत नजदीकी निजी चिकित्सक के पास ले जाया गया, लेकिन चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। मौत की जानकारी मिलते ही स्वजन में कोहराम मच गया। मां का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतका वसु तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बंदरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। बंदरों के झुंड आए दिन घरों की छतों पर कूद−फांद करते हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि घरों में महिलाएं रसोई तक में चैन से काम नहीं कर पातीं। गांव के लोगों ने प्रशासन से बंदरों को जल्द पकड़वाने और उनके आतंक से निजात दिलाने की मांग की है।
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