deltin55 Publish time 2025-9-27 15:23:05

बाघों की गणना के लिए जमीनी स्तर पर काम शुरू .. ...

ऋषिकेश, 24 सितंबर (भाषा) पूरे देश में बाघों की 2026 में अनुमानित संख्या तथा उससे जुड़े अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के सटीक एवं वैज्ञानिक अध्ययन के लिए भारतीय वन्य जीव संस्थान (डब्लूआईआई) ने जमीनी स्तर पर काम शुरू कर दिया है।
संस्थान के निदेशक गोविन्द एस भारद्वाज ने बताया कि देश में छठी बार हो रही बाघों की गणना का कार्य केंद्रीय वन मंत्रालय और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के निर्देश पर संस्थान द्वारा किया जा रहा है ।
उन्होंने बताया कि ‘टाइगर लैंड स्केप’ में आने वाले वन प्रभाग के अग्रिम पंक्ति के वन कार्मिकों के लिए प्रशिक्षण का कार्यक्रम शुरू हो चुका है ।
भारद्वाज ने बताया कि इसी माह 15-16 सितंबर को मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के पेंच बाघ अभयारण्य में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ जिसमें मध्य और पश्चिम भारत के बाघ की मौजूदगी वाले राज्यों के प्रशिक्षुओं ने हिस्सा लिया ।
भारद्वाज ने बताया कि प्रशिक्षण का दूसरा चरण 24-25 सितंबर को दक्षिण के राज्यों के लिए मुद्दु मलाई बाघ अभयारण्य और बांदीपुर बाघ अभयारण्य में होगा जबकि तीसरा चरण 28 से 30 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल के विश्व धरोहर स्थल सुंदरबन बाघ अभयारण्य में होगा।
उन्होंने बताया कि चौथा चरण 18 से 20 नवंबर को उत्तर भारत के राज्यों के लिए उत्तराखंड के राजाजी बाघ अभयारण्य में तथा पूर्वोत्तर के लिए असम के नमेरी बाघ अभयारण्य में होगा ।
निदेशक के मुताबिक, प्रशिक्षण में बताया जा रहा है कि बाघ गणना के लिए चिन्हित वन क्षेत्रों में बाघ के अलावा अन्य सह शिकारी जीवों, शिकार की प्रजातियों, परिमार्जक जीवों, पारिस्थितिकीय तंत्र सहित आश्रय स्थल की गुणवत्ता आदि की स्थिति के बारे में भी जानकारी इकट्ठा करनी है ।
उन्होंने बताया कि इस बार देश की ‘टाइगर टास्क फोर्स’ के निर्देश पर चिन्हित वन क्षेत्रों में डबल सैंपलिंग विधि प्रयोग में लाई जाएगी।
भारद्वाज ने बताया कि इसके अलावा, कैमरा ट्रैपिंग सहित पूरी प्रक्रिया को पारदर्शिता और सटीकता के साथ पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल उनका ध्यान प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में है।
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