मिशन शक्ति की जादूगरी : दर्द से मुस्कुराहट की ओर मासूम का सफर, संवरी जिंदगी
/file/upload/2025/11/1577725741412159439.webpबच्ची के घर मौजूद पुलिस
रजनेश सक्सेना, जागरण, बरेली। पुलिस का सख्त रवैया तो आप सभी ने देखा, लेकिन इस सख्त रवैया के अलावा भी पुलिस लोगों की हमदर्द भी बनती है। इस तरह की बातें शायद आप तक कम पहुंचती होंगी मगर यह सच है। हाल ही में बरेली पुलिस एक छह साल की दुष्कर्म पीड़ित की टूटती सांसों का सहारा बनी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मेडिकल कालेज में उसका न सिर्फ उपचार कराया बल्कि, बल्कि उसके ट्रामा में जाने पर काउंसिलिंग भी की। परिवार को ढांढस बंधाया कहा कि उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं, पूरा पुलिस फोर्स उनके साथ है। नतीजा, मासूम अब पूरी तरह से स्वस्थ है। हंसती-खेलती अब अपने माता-पिता के साथ उसने नई जिंदगी शुरू की है। पुलिस की यह पहल असल में मिशन शक्ति की पहचान हैं।
फरीदपुर के एक गांव निवासी छह साल की मासूम के साथ सितंबर में उसके ही 55 वर्षीय पड़ोसी ने दुष्कर्म किया। वह उसे बहलाकर गोद में उठाकर घर ले गया और घटना को अंजाम दिया। पड़ोसियों ने जब बच्ची के चीखने की आवाज सुनी तो दौड़कर पड़ोसी के यहां पहुंचे और बच्ची को उसके चुंगल से छुड़ाया।
इस बीच मौका पाकर वह फरार हो गया। पुलिस ने उसे ढूंढने का काफी प्रयास किया, मगर उसका कुछ पता नहीं चल पाया। लेकिन कुछ दिन बाद शाहजहांपुर में ट्रेन की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई। उधर, दूसरी ओर सरकारी अस्पताल में उपचार के दौरान बच्ची की हालत बिगड़ने लगी। तत्काल ही बच्ची को एसआरएमएस मेडिकल कालेज में उपचार के लिए भर्ती कराया गया।
वहां उसकी दो सर्जरी की गई, इस बीच मिशन शक्ति की नोडल अधिकारी अंशिका वर्मा मासूम की काउंसलिंग शुरू की। उसके परिवार को भी समझाया। साथ ही थाने के मिशन शक्ति केंद्र की प्रभारी महिला दारोगा मानसी हुड्डा, व कांस्टेबल जागेश्वरी देवी भी लगातार बच्ची से बातचीत कर उसे मानसिक मजबूत कर रही थीं।साथ ही उनके परिवार को भी लगातार समझा रही थीं।
इस बीच बच्ची को कई यूनिट रक्त की भी जरूरत हुई जो पुलिसकर्मियों ने ही उन्हें दिया। साथ ही उसके उपचार का भी पूरा खर्च उठाया। इसका असर हुआ कि अब बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ होकर अपने परिवार के साथ नई जिंदगी शुरू कर चुकी है।
बच्ची से दुष्कर्म की घटना के बाद मामले में तत्काल ही प्राथमिकी पंजीकृत कर विधिक कार्रवाई की गई थी। घटना के बाद बच्ची ट्रामा में थी इसलिए मिशन शक्ति की नोडल अधिकारी अंशिका वर्मा ने उसकी लगातार कांउसलिंग की साथ ही साथ मिशन शक्ति की केंद्र प्रभारी और कांस्टेबल ने बच्ची का समय-समय पर फालोअप किया परिवार को समझाया। नतीजा रहा कि बच्ची ट्रामा से निकली और अब वह पूरी तरह से स्वस्थ है।
- अनुराग आर्य, एसएसपी।
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