cy520520 Publish time 2025-11-5 02:37:11

Muzaffarpur News : मरीज नहीं रहा जिंदा, फिर भी चलता रहा इलाज, गुहार लगाता रहा परिवार!

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न्याय के लिए पुलिस वालों से गुहार लगाते स्वजन। जागरण



जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। एनएन-57 भीखनपुर स्थित ग्रीन डायमंड इमरजेंसी अस्पताल में आइसीयू में भर्ती मरीज के इलाज के बाद ने स्वजन हंगामा शुरू कर दिया। स्वजन आइसीयू में शव का इलाज कर मोटा बिल बनाने का आरोप लगा रहे थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

उनका कहना था कि शहर के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मरीज की सेहत में सुधार था। वहां से इस अस्पताल के लोगों ने एंबुलेंस से सोनू नाम के बिचौलिए ने ठीक होने की गारंटी के साथ लाया था। यहां मरीज से मिलने नहीं दिया जा रहा था।

जबरन जब मिलने गए तो उनकी मौत हो चुकी थी। इसपर जब अस्पताल कर्मियों से बातचीत की तो बताया अभी मौत हुई है। अस्पताल संचालकों ने कहा जल्दी दवा का बिल क्लियर कर आइए। इसके बाद शव को ले जाइए।
स्वजन ने बताया कि पहले 40 हजार रुपये से अधिक जमा कर चुके थे। इसके बाद डेढ़ लाख और मांगे जा रहे थे। मरीज को रविवार को भर्ती कराया था और मंगलवार को दोपहर में मौत होने की जानकारी मिली। एक दिन भी कोई चिकित्सक दिखाई नहीं दिए।

एक-दो लोग आते-जाते थे। दवा का पर्ची लिखकर देते थे। हमलोग दवा ले जाकर दे देते थे। मरीज मोतिहारी जिले के बंजरिया गांव का शिव बालक राय का पुत्र अर्जुन कुमार था। घटना की जानकारी मिलने पर रिश्ते के भाई विरेंद्र व तेतर देवी विलाप करती रहीं।

अस्पताल संचालक पर इलाज में कोताही का आरोप लगाते हुए कोसती रहीं। इधर, शव को रुपये के लिए बंधक बनाने की सूचना पर डायल-112 व अहियापुर थाना का गश्ती दल पहुंचा। पुलिस के पहुंचने पर स्वजन ने उनके पैर पकड़कर शव को दिलाने की गुहार लगाई।

इस पर पुलिस ने कुछ देर तक अस्पताल के मैनेजर को हिरासत में लेकर मामले की पूछताछ की। इसके बाद शव स्वजन को सौंपने को कहा। इसपर अस्पताल प्रबंधक ने स्वजन को शव सौंपा। अस्पताल के प्रबंधक मुकेश कुमार ने बताया लीवर की समस्या को लेकर मरीज को भर्ती करके इलाज किया जा रहा था।भर्ती के दौरान उसकी हालत गंभीर होने की जानकारी स्वजन को दी गई थी। बिल की मांग करने पर शोरगुल शुरू कर दिया था।
लाइसेंस फेल, फिर भी चला रहा अस्पताल

ग्रीन डायमंड इमरजेंसी अस्पताल का प्रोविजनल लाइसेंस सिविल सर्जन कार्यालय से निर्गत था, जो 28 जुलाई को समाप्त हो चुका है। लाइसेंस में नंदकिशोर साह इंचार्ज व चिकित्सक के रूप में डा.असरफ नवाज हैं। सिविल सर्जन डा.अजय कुमार ने बताया तहकीकात कर कार्रवाई की जाएगी। शिकायत मिली तो सख्त कार्रवाई होगी।
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