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सिर्फ खानपान नहीं, आपके Genes भी बढ़ाते हैं दिल की बीमारी का खतरा; डॉक्टर ने बताया कैसे करें बचाव

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क्या आपके परिवार में है हार्ट अटैक की हिस्ट्री? (Image Source: Freepik)



लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हम अक्सर सुनते हैं कि हार्ट अटैक का कारण गलत खानपान, धूम्रपान या तनाव होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिल की बीमारी का खतरा हमारी जेनेटिक यानी वंशानुगत कारणों से भी जुड़ा होता है? जी हां, अगर आपके माता-पिता या भाई-बहन को कभी हार्ट डिजीज या हार्ट अटैक हुआ है, तो आपके लिए भी यह खतरा बढ़ सकता है, फिर चाहे आप बाहर से कितने भी स्वस्थ क्यों न दिखते हों। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

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जेनेटिक कारणों से बढ़ता खतरा

डॉ. मुकेश गोयल, सीनियर कंसल्टेंट, कार्डियोथोरेसिक एंड कार्डियोवैस्कुलर सर्जरी, इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के अनुसार, कुछ लोगों में ऐसे जीन पाए जाते हैं जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल को ठीक से कंट्रोल नहीं होने देते, ब्लड प्रेशर को असंतुलित कर देते हैं या फिर शरीर में सूजन (Inflammation) को बढ़ा देते हैं। ये सभी वजहें मिलकर दिल के दौरे या हार्ट डिजीज का जोखिम बढ़ा सकती हैं।
क्या हम अपने जीन बदल सकते हैं?

सीधा जवाब है– नहीं। हम अपने जेनेटिक गुणों को बदल नहीं सकते, लेकिन उनसे जुड़ा जोखिम कम जरूर कर सकते हैं। यह संभव है समझदारी, सतर्कता और समय पर जांच के जरिए।
क्या कर सकते हैं आप?

फैमिली की मेडिकल हिस्ट्री जानें: अगर परिवार में किसी को दिल से जुड़ी बीमारी हुई है, तो इसे नजरअंदाज न करें। डॉक्टर को बताएं ताकि वे आपकी जांच और लाइफस्टाइल की प्लानिंग उसी के मुताबिक कर सकें।

रेगुलर हेल्थ चेकअप कराएं: कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर की समय-समय पर जांच जरूरी है। शुरुआती स्टेज में अगर कोई गड़बड़ी पकड़ ली जाए, तो बड़ा खतरा टाला जा सकता है।

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सही लाइफस्टाइल अपनाएं

[*]बैलेंस डाइट लें जिसमें सब्जियां, फल और फाइबर ज्यादा हों।
[*]तली-भुनी चीजें, ज्यादा नमक और चीनी से बचें।
[*]धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं।
[*]रोजाना कम से कम 30 मिनट टहलना या कोई फिजिकल एक्टिविटी करें।
[*]स्ट्रेस को मैनेज करें: लगातार तनाव भी दिल पर दबाव बढ़ाता है। ध्यान, योग या अपनी पसंदीदा गतिविधियों से मानसिक सुकून पाना बेहद फायदेमंद है।

समय पर जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव

अक्सर लोग सोचते हैं कि वे युवा हैं, इसलिए हार्ट अटैक का खतरा नहीं है, लेकिन हकीकत यह है कि आजकल कम उम्र में भी हार्ट डिजीज तेजी से बढ़ रही है, खासकर उन लोगों में जिनका पारिवारिक इतिहास ऐसा रहा है। इसलिए, अपनी जेनेटिक प्रवृत्ति को जानना और उसके अनुसार लाइफस्टाइल में बदलाव करना ही समझदारी है।

आखिर में, डॉ. गोयल कहते हैं-


हम अपनी जेनेटिक पहचान नहीं बदल सकते, लेकिन अपने दिल की रक्षा के लिए समय रहते कदम जरूर उठा सकते हैं।


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