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Bihar Election: अमौर और बायसी में फंसी AIMIM की प्रतिष्ठा, ओवैसी ने झोंकी ताकत

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सीमांचल में डटे ओवैसी। (जागरण)



राजीव कुमार, पूर्णिया। अमौर व बायसी विधानसभा क्षेत्र का चुनावी जंग रोचक मोड़ लेता जा रहा है। अमौर में दो दिनों में एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी की लगातार दो जनसभा ने इसका रोमांच और बढ़ा दिया है।

इसी तरह बायसी सीट पर भी ओवैसी पूरी ताकत झोंक रखी है। दोनों ही सीट पार्टी की प्रतिष्ठा से जुड़ गई है और पार्टी हर हाल में इन दोनों सीटों पर जीत दर्ज करना चाह रही है।

अमौर से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सह विधायक अख्तरुल इमान मैदान में है। गत चुनाव में सीमांचल की पांच सीटों पर पार्टी को मिली जीत में अख्तरुल इमान ही एक ऐसे विधायक रहे, जिन्होंने पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा बरकरार रखी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इसके अलावा चार विधायक पाला बदल राजद में शामिल हो गए। इस चलते ओवैसी का कुछ ज्यादा ही फोकस अमौर विधानसभा सीट पर है। यहां से मैदान में गत चुनाव की तरह ही कांग्रेस से पूर्व विधायक जलील मस्तान व जदयू से सबा जफर हैं।

जदयू गत चुनाव में यहां दूसरे स्थान पर रही थी और कांग्रेस तीसरे स्थान पर। इधर बायसी सीट से भी गत चुनाव में पार्टी प्रत्याशी सैयद रुकनुद्दीन को जीत मिली थी। सैयद रुकनु्दीन पाला बदल राजद में चले गए थे। उक्त चुनाव में यहां भाजपा दूसरे स्थान पर राजद प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे थे।

इधर सैयद रुकनुद्दीन को राजद ने बेटिकट कर दिया है। गत चुनाव में इस सीट पर मिली जीत के चलते एआईएमआईएम पुन: अपनी लय बरकरार रखने के लिए पूरी शक्ति झोंक दिया है। पार्टी ने यहां से जिला परिषद अध्यक्ष के पति गुलाम सरवर को मैदान में उतारा है।

यहां गत चुनाव की तरह पार्टी प्रत्याशी के सामने भाजपा के विनोद यादव व राजद से पूर्व मंत्री हाजी सुबहान मैदान में हैं। जंग एक बार फिर रोचक हो चला है।
डिप्टी सीएम के मुद्दे पर राजद व कांग्रेस पर तीखा वार

एआईएमआईएमआइ सुप्रीमो के चुनावी भाषण में मुख्य निशाना राजद व कांग्रेस ही रह रहा है। खासकर वे मुस्लिम मतदाताओं को यह समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि राजद व कांग्रेस आज तक उन लोगों को केवल वोट बैंक के रुप में उपयोग करता रहा है।

वे लोगों को यह समझाते हैं कि बिहार में ढाई फीसद आबादी के बूते मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम घोषित किया जाता है जबकि 18 फीसद आबादी वाले मुस्लिम समुदाय को सत्ता में प्रतिनिधित्व को लेकर कोई विजन इन पार्टिंयों के पास नहीं है। इसके अलावा वक्फ बोर्ड को लेकर पार्टी सुप्रीमो लगातार एनडीए पर भी तीखा हमला बोल रहे हैं।
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