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दोस्त की हत्या के जुर्म में 43 साल काटी सजा, बाहर निकलने पर इमीग्रेशन विभाग ने फिर भेजा जेल; अब आया ट्विस्ट

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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका की एक अदालत ने 4 चार दशकों बाद भारतीय मूल के सुब्रमण्यम वेदम को हत्या के दोषसिद्धि के बाद उन्हें बरी कर दिया था। अदालत ने उन्हें जेल से रिहा करने का आदेश भी दिया था, हालांकि सुब्रमण्यम 3 अक्टूबर को जेल से रिहा भी हो गए थे। मगर इसके बाद अमेरिकी आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) ने हिरासत में ले लिया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इसके बाद अब दो अमेरिकी अदालतों ने आव्रजन अधिकारियों को सुब्रमण्यम वेदम को निर्वासित न करने का आदेश दिया है। वेदम नौ महीने के थे जब वे अपने माता-पिता के साथ भारत से कानूनी तौर पर अमेरिका आए थे। वे स्टेट कॉलेज में पले-बढ़े, जहां उनके पिता पेन स्टेट में पढ़ाते थे।

एक आव्रजन न्यायाधीश ने गुरुवार को उनके निर्वासन पर तब तक के लिए रोक लगा दी जब तक कि आव्रजन अपील ब्यूरो यह तय नहीं कर लेता कि उनके मामले की समीक्षा की जाए या नहीं। इसमें कई महीने लग सकते हैं। वेदम के वकीलों ने भी उसी दिन पेंसिल्वेनिया स्थित अमेरिकी जिला न्यायालय में स्टे ऑर्डर ले लिया, लेकिन उन्होंने कहा कि आव्रजन अदालत के फैसले को देखते हुए मामला स्थगित हो सकता है।
किस आरोप में 4 दशक काट ली जेल की सजा

1980 में पेंसिल्वेनिया में 19 साल के थॉमस किन्सर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनका शव स्टेट कॉलेज के पास एक सिंकहोल में मिला था। इस मर्डर केस में पुलिस ने उनके पूर्व हाईस्कूल क्लासमेट वेदम को शक के आधार पर आरोपी बना दिया। पुलिस ने इसका आधार बताते हुए कहा कि सुब्रमण्यम ही आखिरी बार थॉमस के साथ दिखे थे।

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