Chikheang Publish time 2025-11-4 15:37:23

Vaikuntha Chaturdashi 2025 Katha: वैकुंठ चतुर्दशी पर करें इस कथा का पाठ, शिव जी के साथ खुश होंगे भगवान विष्णु

/file/upload/2025/11/1745643558437632559.webp

Vaikuntha Chaturdashi 2025 Katha: वैकुंठ चतुर्दशी की कथा।



धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैकुंठ चतुर्दशी का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। इस साल यह पर्व 4 नवंबर 2025 यानी आज मनाया जा रहा है। जाएगी। यह दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव के पवित्र मिलन का प्रतीक है। इस दिन (Vaikuntha Chaturdashi 2025) व्रत, पूजा और दीपदान के साथ-साथ इस दिन की पावन कथा का पाठ भी जरूर करना चाहिए, जिसका पाठ करने से भक्तों को मोक्ष मिलता है। साथ ही जीवन में शुभता आती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वैकुंठ चतुर्दशी व्रत कथा (Vaikuntha Chaturdashi 2025 Katha)

/file/upload/2025/11/4532893212046094411.jpg

एक बार भगवान विष्णु, अपने आराध्य देव भगवान शिव की पूजा करने के लिए काशी पहुंचे। उन्होंने कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी के दिन एक हजार स्वर्ण कमल पुष्पों से भगवान विश्वनाथ की पूजा करने का संकल्प लिया। अभिषेक के बाद जब भगवान विष्णु कमल पुष्प अर्पित करने लगे, तो भगवान शिव ने उनकी भक्ति की परीक्षा लेने के लिए उन एक हजार कमल पुष्पों में से एक पुष्प को छिपा दिया। जब भगवान विष्णु ने देखा कि एक पुष्प कम है, तो उन्होंने संकल्प पूरा करने के लिए अपनी आंखें भोलेनाथ को अर्पित कर दी, क्योंकि श्री हरि को \“कमल-नयन\“ भी कहा जाता है। भगवान विष्णु की भक्ति और त्याग देखकर भगवान शिव बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने तुरंत प्रकट होकर श्रीहरि की आंख वापस कर दी।

शिवजी ने विष्णुजी से कहा - “आपकी इस परम भक्ति से मैं बेहद प्रसन्न हूं। आज से यह तिथि \“वैकुंठ चतुर्दशी\“ के नाम से जानी जाएगी। इस दिन जो भी भक्त मेरा और आपकी एक साथ पूजा करेगा, उसे मेरे लोक कैलाश और आपके लोक वैकुंठ धाम की प्राप्ति होगी।“ इसके बाद, भगवान शिव ने श्रीहरि को सुदर्शन चक्र भी भेंट किया।
पूजन मंत्र

[*]शांताकारम भुजंग शयनम पद्मनाभं सुरेशम। विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम।
[*]लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म। वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकेकनाथम।।
[*]मन्दाकिन्यास्तु यद्वारि सर्वपापहरं शुभम्। तदिदं कल्पितं देव स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम्॥
[*]श्रीभगवते साम्बशिवाय नमः


अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
Pages: [1]
View full version: Vaikuntha Chaturdashi 2025 Katha: वैकुंठ चतुर्दशी पर करें इस कथा का पाठ, शिव जी के साथ खुश होंगे भगवान विष्णु