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22 साल बाद बांग्लादेश में मिला बिछड़ा भाई, मोबाइल पर देखा तो नम हो गई बहनों की आंखें

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जागरण संवाददाता, खानपुर (गाजीपुर)। इचवल गांव के नइकोट बस्ती में सोमवार को उस समय खुशी और भावनाओं का माहौल छा गया जब गांव के मोहम्मद इकबाल के बांग्लादेश में जिंदा होने की जानकारी मिली।

22 साल पहले घर से लापता हुए इकबाल का मोबाइल पर वीडियो देखकर परिजनों की आंखें नम हो गईं। पूरे गांव में यह खबर फैलते ही लोगों ने इसे ईश्वर की कृपा बताया।

मोहम्मद इकबाल पुत्र कमालुद्दीन मानसिक रूप से कमजोर था और करीब 22 वर्ष पूर्व घर से अचानक गायब हो गया था। परिवार ने उसकी तलाश में गाजीपुर से लेकर देश के कई शहरों तक चप्पा-चप्पा छान मारा, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

बड़े भाई और तीनों बहनें हर मजार और मस्जिद में जाकर उसकी खोज करती रहीं, लेकिन अंततः निराश होकर उम्मीद छोड़ दी थी।

थानाध्यक्ष राजीव पांडेय ने बताया कि गुमशुदा व्यक्तियों की तलाश के विशेष अभियान के दौरान इकबाल की जानकारी जुटाई जा रही थी। इस दौरान दक्षिण भारत के एक एनजीओ ने इकबाल की तस्वीर पहचानने के बाद सूचना दी कि वह बांग्लादेश में किसी मस्जिद में सेवादार के रूप में कार्यरत है।

इसके बाद कोलकाता स्थित एचएएम रेडियो क्लब ने पश्चिम बंगाल पुलिस की मदद से इकबाल की फोटो और जानकारी बांग्लादेश तक प्रसारित की। क्लब के चेयरमैन अंबरीष नग विश्वास ने अपने बांग्लादेशी संपर्कों के जरिये स्थानीय पुलिस से संपर्क साधा और इकबाल का ठिकाना सुनिश्चित कराया।

खानपुर थाना परिसर में इकबाल की बहन शबनम ने मोबाइल पर अपने भाई से बात की। भाई को जीवित देखकर वह भावुक होकर रो पड़ी।

शबनम ने बताया कि वह अपनी बीमार मां नजमा बेगम और पिता कमालुद्दीन की सेवा कर रही है। इतने साल बाद भाई को जिंदा देखकर परिवार को सुकून मिला है। उन्होंने कहा, हम बस यही दुआ करते हैं कि वह जहां भी है, खुश और आबाद रहे।
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