2013 से खाली पड़े 3,264 प्लॉट, यमुना प्राधिकरण फेल; अब आवंटन रद करने की तैयारी
/file/upload/2025/11/7780877049697826964.webpयमुना प्राधिकरण में 94% औद्योगिक भूखंड खाली पड़े हैं।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण के 94 फीसदी भूखंड खाली पड़े हैं। इन भूखंडों को आवंटित हुए वर्षों बीत चुके हैं। औद्योगिक विकास प्राधिकरणों द्वारा आवंटित औद्योगिक भूखंडों की स्थिति का आकलन करने के लिए इन्वेस्ट यूपी द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
औद्योगिक भूखंडों की स्थापना में लंबे समय से रुचि न लेने के बाद सरकार इन आवंटनों को रद्द कर नए सिरे से आवंटित करने की योजना पर काम कर रही है। औद्योगिक विकास प्राधिकरणों द्वारा आवंटित भूखंडों का एक सर्वेक्षण किया गया। सर्वेक्षण में यीडा में सबसे अधिक खाली भूखंडों का पता चला।
यमुना प्राधिकरण ने 2013 में अपनी पहली औद्योगिक भूखंड योजना शुरू की थी। प्राधिकरण का दावा है कि उसके पास 3,041 औद्योगिक भूखंड हैं, लेकिन इन्वेस्ट यूपी के सर्वेक्षण से पता चला है कि यीडा ने 3,476 भूखंड आवंटित किए हैं। इनमें से 3,264 भूखंड खाली हैं। इन भूखंडों पर औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने का काम अभी शुरू नहीं हुआ है। इसके अलावा, छह इकाइयां बन चुकी हैं, लेकिन चालू नहीं हैं।
प्राधिकरण ने सेक्टर 24, 24ए, 28, 29, 32 और 33 में औद्योगिक भूखंड आवंटित किए हैं। इसके बावजूद, अब तक केवल 15 इकाइयाँ ही चालू हो पाई हैं। सेक्टर 32 और 33 में एमएसएमई क्षेत्र के लिए आवंटित अधिकांश भूखंड खाली पड़े हैं। इन्हें आवंटित हुए काफी समय हो गया है, लेकिन आवंटी सड़क, बिजली, पेयजल पाइपलाइन और सीवरेज जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी का हवाला देते हुए, भूखंडों पर निर्माण न होने के लिए प्राधिकरण की कार्यशैली को दोषी ठहराते हैं।
3,00,000 लोगों को रोजगार देने का दावा करने के बावजूद, परिधान क्षेत्र में अभी तक एक भी इकाई चालू नहीं हुई है। टाई पार्क में भी स्थिति ऐसी ही है, जहाँ अभी तक एक भी इकाई चालू नहीं हुई है। एमडीपी में केवल एक इकाई चालू हुई है, जहाँ 101 भूखंड आवंटित हैं।
प्राधिकरण ने औद्योगिक इकाइयों के निर्माण और संचालन के लिए नोटिस जारी किए हैं। प्राधिकरण का दावा है कि दिसंबर तक 100 इकाइयाँ चालू हो जाएँगी।
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