LHC0088 Publish time The day before yesterday 22:41

Tirupati Balaji Mandir: तिरुपति बालाजी में क्यों किया जाता है बालों का दान, बड़ी ही खास है वजह

/file/upload/2025/11/6203216738696712537.webp

Tirupati Balaji Mandir में दान करने से मिलता है यह लाभ।



धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भारत में ऐसे कई प्रसिद्ध और दिव्य मंदिरों स्थापित हैं, जिनमें भक्तों का अटूट विश्वास है। ऐसा ही एक मंदिर है तिरुपति बालाजी मंदिर, जो आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है। भगवान श्रीवेंकटेश्वर के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त यहां पंहुचते हैं। साथ ही इस मंदिर में भक्तों द्वारा अपने बाल अर्पित करने की भी परम्परा भी सदियों से चली आ रही है। चलिए आपको लोगों द्वारा बाल दान करने की पीछे की कहानी बताते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ऋषि भृगु ने किसे दिया यज्ञ का फल

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार विश्व कल्याण के लिए एक यज्ञ का आयोजन किया गया। तब यह सवाल खड़ा हो गया कि आखिर किसको इस यज्ञ का फल अर्पित किया जाएगा। इसका पता लगाने का उत्तरदायित्व ऋषि भृगु को सौंपा गया। सबसे पहले भृगु ऋषि ब्रम्हा जी के पास गए और उसके बाद भगवान शिव के पास गएं, लेकिन उन्हे दोनों ही यज्ञ का फल अर्पित करने हेतु अनुपयुक्त लगे। अंत में वह भगवान विष्णु से मिलने बैकुंड धाम पहुंचे, जहां विष्णु जी विश्राम कर रहे थे।

विष्णु जी को ऋषि भृगु के आने का पता नहीं लगा, इसे ऋषि भृगु ने अपना अपमान समझा और आवेश में आकर भगवान विष्णु जी के वक्ष (छाती) पर ठोकर मार दी। इसपर विष्णु जी ने अत्यंत विनम्र होकर ऋषि का पांव पकड़ लिया और कहा कि हे ऋषिवर! आपके पांव में चोट तो नहीं आई? यह सुनकर भृगु ऋषि को अपनी गलती का अनुभव हुआ और उन्होंने यज्ञफल विष्णु जी को यज्ञफल देने का निर्णय लिया।

/file/upload/2025/11/5178610327621809567.jpg
लक्ष्मी जी ने क्यों छोड़ा बैकुंड धाम

मां लक्ष्मी ऋषि भृगु द्वारा भगवान विष्णु के इस अपमान को देखकर दुखी हो गईं। वह चाहती थीं कि इस अपमान का बदला लिया जाए, लेकिन प्रभु श्रीहरि ने ऐसा नहीं किया। तब क्रोधित होकर लक्ष्मी जी ने बैकुंड धाम छोड़ दिया। मां लक्ष्मी पृथ्वी पर रहने लगीं, जिन्हें ढूंढने का विष्णु जी ने बहुत प्रयास किया, लेकिन विफल रहे। अंतत: भगवान विष्णु ने पृथ्वी पर श्रीनिवास के नाम से जन्म लिया। भगवान शिव और ब्रह्मा जी ने भी भगवान विष्णु की मदद करने के लिए गाय और बछड़े का रूप लिया। लक्ष्मी जी का जन्म पृथ्वी पर पद्मावती के रूप हुआ। कुछ समय बाद श्रीनिवास और पद्मावती का विवाह हो गया।

/file/upload/2025/11/1864687455661376675.jpg
ऐसे शुरू हुई बाल चढ़ाने की परम्परा

विवाह की कुछ रितियों को पूरा करने के लिए विष्णु जी ने कुबेर देव से धन उधार लिया था और यह कहा था कि कलियुग के समापन तक वह ब्याज समेत यह कर्ज चुका देंगे। तभी से भक्त भगवान विष्णु के ऊपर कुबेर के ऋण को चुकाने के लिए कुछ-न-कुछ दान करते हैं। इसी क्रम में बालों का दान भी किया जाता है। माना जाता है कि जो भी मंदिर में जितने बाल दान करता है, उसे भगवान 10 गुना धन लौटाते हैं। साथ ही उस व्यक्ति पर मां लक्ष्मी की भी कृपा बनी रहती है।

यह भी पढ़ें - 84 Kos Parikrama करने से मिलती है पापों से मुक्ति, जानिए इसकी महिमा और महत्व

यह भी पढ़ें - Chintaman Temple: इस मंदिर में भगवान गणेश के दर्शन करने से दूर होती है हर चिंता, भगवान राम से जुड़ा है कनेक्शन

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
Pages: [1]
View full version: Tirupati Balaji Mandir: तिरुपति बालाजी में क्यों किया जाता है बालों का दान, बड़ी ही खास है वजह